उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से लिए 6.90 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसमें राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और छोटे एवं मझोले उद्यमियों तथा किसानों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है। पिछले वर्ष 6.15 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था, जो 33,769.54 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के बाद बढ़कर 6.49 लाख करोड़ रुपये हो गया था।
वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST) एवं मूल्यवर्द्धित कर (VAT) से 1.50 लाख करोड़ रुपये, आबकारी शुल्क से 58,000 करोड़ रुपये, स्टांप एवं पंजीकरण से 34,560 करोड़ और वाहन कर से 12,672 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा गया है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने राज्य विधानसभा में आज बजट पेश करते हुए कहा कि बजट में 32,721 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल हैं। कुल प्राप्तियां 6,83,292 करोड़ रुपये और कुल व्यय 6,90,242 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटा (fiscal deficit) 84,883 करोड़ रुपये रह सकता है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) का 3.48 फीसदी है।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जीएसडीपी में 19 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है। राज्य में बेरोजगारी दर घटकर 4.2 फीसदी रह गई है। झांसी लिंक एक्सप्रेसवे तथा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के प्रारंभिक चरण के लिए 235 करोड़ रुपये, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ रक्षा गलियारा परियोजना के लिए 550 करोड़ रुपये और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारे के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
बजट में फार्मा पार्कों की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये और एक जिला एक उत्पाद (ODOP) योजना एवं यूनिटी मॉल के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। कानपुर मेट्रो रेल के लिए 585 करोड़ रुपये, आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 465 करोड़ रुपये, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडॉर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना के लिए 1,306 करोड़ रुपये और वाराणसी, गोरखपुर एवं अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
सड़कों व पुलों की मरम्मत के लिए 6,209 करोड़ रुपये व नए कार्यों के लिए 3,473 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के लिए 1,525 करोड़ रुपये, नए पुलों के निर्माण के 1,850 करोड़ रुपये, राजमार्ग चौड़े करने के लिए 2,588 करोड़ रुपये, अन्य मार्ग चौड़े करने के लिए 2,538 करोड़ रुपये और धार्मिक स्थलों में मार्ग निर्माण तथा उन्हें मजबूत करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
सिंचाई हेतु नए सरकारी नलकूपों के लिए 502 करोड़, सरयू नहर परियोजना के लिए 192 करोड़ रुपये और गंगा सिंचाई परियोजना के लिए 375 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। जल जीवन मिशन के लिए 25,350 करोड़ रुपये, किसानों के बिजली बिलों में छूट के लिए 1,500 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण प्रोत्साहन योजना के लिए 3,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
महाकुंभ की तैयारियों के लिए 2,500 करोड़ रुपये और गोरखपुर के रामगढ़ ताल के विकास व इंटरसेप्शन डायवर्जन एवं ट्रीटमेंट के लिए 650 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। आवारा पशुओं की देखभाल के लिए कान्हा गौशाला निर्माण हेतु 100 करोड़ रुपये और छुट्टा जानवरों की देखभाल के 750 करोड़ रुपये दिए गए हैं। पूर्वांचल की विशेष योजनाओं के लिए 525 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
प्रदेश में छात्र-छात्राओं को टैबलेट या स्मार्टफोन देने के लिए बजट में 3,600 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। इन्क्यूबेटर एवं स्टार्टअप के लिए सीड फंड मद में 100 करोड़ रुपये और सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति के लिए 60 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए 1,050 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रदेश में 14 नए मेडिकल कालेजों की स्थापना के लिए 2,491.39 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।