आमतौर पर बजट भाषण के दौरान विपक्षी दल बहुत हल्ला हंगामा करते हैं। लेकिन इस बार कार्यवाहक वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बजट भाषण के दौरान विपक्षी दलों ने बिल्कुल शोर नहीं मचाया।
हालांकि जद(एस) के केरल के सांसद वीरेंद्र कुमार की तबीयत खराब होने पर लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने 10 मिनट के लिए सभा स्थगित कर दी। वीरेंद्र कुमार को पास के राममनोहर लोहिया अस्पताल में ले जाया गया। बाद में लोकसभा अध्यक्ष ने यह सूचना दी की वे खतरे से बाहर हैं।
दर्शक दीर्घा खाली
आम लोगों ने अंतरिम बजट के लिए कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसी वजह से दर्शक दीर्घा लगभग आधा खाली था। हालांकि लोक सभा में राज्य सभा की गैलरी में ऊपरी सदन के उत्साही सदस्य पूरी तरह से भरे हुए थे।
राहुल बजाज, राजीव चंद्रशेखर जैसे उद्योगपति ने सभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही अपनी सीट पर बैठ गए थे। रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर बिमल जालान भी जल्दी आए गए। वर्ष 1982 में जब प्रणब मुखर्जी ने पहली बार अपना बजट पेश किया था तब जालान उनके मुख्य आर्थिक सलाहकार थे।
मीडिया क्षेत्र की जानी मानी हस्ती शोभना भरतिया भी प्रणब मुखर्जी को बड़ी तल्लीनता से सुन रही थीं। इसके अलावा सीपीआई के डी. राजा, कांग्रेस की जयंती नटराजन, राजीव शुक्ला, डीएमके के कनिमोझी भी प्रणब मुखर्जी के पूरे भाषण के दौरान बने रहे।
गठजोड़ की ताकत
कार्यवाहक वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस शासन काल में सहयोग देने के लिए यूपीए के सभी सहयोगियों और समर्थकों के प्रति कृतज्ञता जताई। जब प्रणब मुखर्जी ने यूपीए गठबंधन का सफल नेतृत्व करने के लिए सोनिया गांधी को धन्यवाद दिया तो कृषि मंत्री और एनसीपी के नेता शरद पवार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी।
जबकि यूपीए के सहयोगियों ने मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया। यह जिक्र करना लाजिमी होगा कि हाल ही में पवार ने सार्वजनिक रूप से यह कहा है कि वह अगली सरकार में प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। वैसे एनसीपी के कुछ नेता पहले से ही कुछ संभावित सहयोगियों से इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं।
वामदलों ने की खिंचाई
सीपीआई (एम) ने सार्वजनिक तौर पर वैश्विक मंदी के लिए इस बजट में कोई सार्थक कदम न उठाए जाने की आलोचना की है। निजी तौर पर सीपीआई (एम) के नेताओं ने कहा है कि यह अंतरिम बजट भी कांग्रेस का दूसरा तैयार घोषणा पत्र है।
सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के एक सदस्य का कहना है, ‘राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भाषण कांग्रेस का पहला घोषणा पत्र था और अब यह दूसरा घोषणा पत्र है। तीसरा और अंतिम घोषणा पत्र भी चुनाव से पहले पार्टी मुख्यालय से आ जाएगा।’
आलोचना का तर्क
सीपीआई (एम) के पास बजट को अप्रभावी बताने के लिए अनूठी वजहें भी थीं। पार्टी की सेंट्रल कमेटी के सदस्य का कहना था, ‘अगर यह बेहतर बजट होता तो टीवी चैनल इसे दिन-रात प्रसारित करते।
लेकिन बजट पेश करने के दो घंटे बाद ही चैनलों ने शाहरुख खान के ऑपरेशन का प्रसारण दिखाना शुरू कर दिया। यह भी साबित करता है कि यह बजट कितना अनुपयोगी था।’