वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने रिपोर्ट में कहा कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) पर जीएसटी का ‘अत्यधिक बोझ’ है। लिहाजा वित्त मंत्रालय को इस योजना को अधिक सुचारु बनाने के लिए जीएसटी हटाना चाहिए। एमपीलैड योजना के तहत कराए गए कार्य पर 18 फीसदी जीएसटी वसूला जाता है।
भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति ने बुधवार को पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन कोषों पर जीएसटी लगाए जाने से इनकी प्रभावशीलता कम हो जाती है। यह केंद्र सरकार की योजना है। इसके तहत हर सांसद को प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं। इस राशि का इस्तेमाल सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य सेवाओं व सामुदायिक परिसंपत्तियों सहित आधारभूत ढांचा विकास में किया जा सकता है।
अनुदान की मांग (2025-26) पर रिपोर्ट में कहा गया कि समिति को पता चला है कि सदस्यों को ई-साक्षी पोर्टल पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और इसमें सुधार की जरूरत है। समिति ने देश के कर प्रशासन को लेकर भी गंभीर चिंताएं उजागर की हैं।
समिति ने सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार कर बकाए की भारी भरकम लंबित राशि का निपटान करे, साथ ही सरकार ईमानदार करदाताओं को गलत या बढ़ा-चढ़ाकर भेजी गई कर मांगों के प्रति संवेदनशील रहे।