संसद में प्रणव मुखर्जी ने जब अंतरिम बजट पेश किया, तो सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के लिए उनके भाषण के शुरुआती 45 मिनट ही काम के थे। उनमें सरकार की तारीफ में कसीदे जो पढ़े गए थे।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने भाषण की शुरुआत ही सरकार की पांच साल की उपलब्धियों से की। उन्होनें 1 घंटे 20 मिनट में बजट पेश किया और उसमें से पूरे पौने घंटे तक संप्रग का यशगान चलता रहा। लेकिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के सहयोगियों की ओर से भी इस दौरान कोई आवाज नहीं आई।
कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार से अंतरिम बजट में राहत पैकेज की लोगों को उम्मीद थी। हालांकि इस मोर्चे पर नाउम्मीदी ही हाथ लगी, लेकिन सरकार ने ‘आम आदमी’ को इसकी झलक जरूर दिखा दी।
मुखर्जी ने बजट भाषण समाप्त करते समय कहा, ‘भारत की जनता ने देखा है कि किस तरह विकास के सभी कार्यकलापों में आम आदमी को केंद्र में रखा गया है। मुझे इसमें कोई शुबहा नहीं है कि जब वक्त आएगा, तो हमारी जनता उस ‘हाथ’ को पहचान लेगी, जिसने यह मुमकिन किया।’
संसद का माहौल इस दौरान खासा दिलचस्प रहा। मुखर्जी ने संप्रग सरकार को राह दिखाने के लिए जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का धन्यवाद किया, तो कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार चुपचाप बैठे रहे। पवार प्रधानमंत्री बनने की अपनी इच्छा सार्वजनिक रूप से जता चुके हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेताओं ने आपसी बातचीत में अंतरिम बजट को कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र करार दिया। मुखर्जी के अंतरिम बजट को मीडिया की बेरुखी भी झेलनी पड़ी।
समाचार चैनल दो दिन से बजट की उल्टी गिनती गिन रहे थे, लेकिन इसके पेश होने के 2 घंटे के भीतर वे बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की सेहत का जायजा लेने लगे। कमोबेश सभी चैनलों पर शाहरुख के ऑपरेशन से संबंधित खबरें चल रही थीं।
संसद के अंदर
प्रणव ने 45 मिनट तक गाया संप्रग का यशोगान
विपक्षी दलों के बीच जोश पैदा नहीं कर पाया बजट
माकपा ने करार दिया कांग्रेस का घोषणापत्र
समाचार चैनलों ने दिखाई शाहरुख में ज्यादा दिलचस्पी