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कर रिटर्न में चूक सुधारने का मौका

Last Updated- December 11, 2022 | 9:28 PM IST

आयकर
सरकार आयकर रिटर्न (आईटीआर) में भूलचूक सुधारने को लेकर एकबारगी मोहलत देगी लेकिन अद्यतन रिटर्न दो साल के भीतर दाखिल करना होगा।

बजट आने से पहले करदाता उम्मीद कर रहे थे कि वित्त मंत्री कर स्लैब में बदलाव करके या 80सी, 80डी या आयकर की धारा 24 के तहत कटौती के जरिये कुछ राहत देंगी। लेकिन करदाताओं की इनमें से कोई भी उम्मीद पूरी नहीं हुई। हालांकि अन्य मोर्चे पर करदाताओं को कई तरह की राहत दी गई है।
अद्यतन कर रिटर्न भरने की सुविधा
आयकर विभाग नया अद्यतन रिटर्न की व्यवस्था शुरू करेगा, जिससे ऐसे करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिन्होंने अपना कर रिटर्न भरने में कोई गलती की थी। ऐसे करदाताओं को अपनी गलतियां ठीक करने का मौका मिलेगा लेकिन इसके लिए किसी आकलन वर्ष के खत्म होने के दो साल के अंदर नया रिटर्न भरना होगा और साथ ही अतिरिक्त कर भी चुकाना होगा।
पीएसएल एडवोकेट्स ऐेंड सोलिसिटर्स में मैनेजिंग पार्टनर समीर जैन ने कहा, ‘इससे लोगों को स्वैच्छिक तौर पर खुलासा करने और ज्यादा कर चुकाने में मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कर संबंधी कानूनी मुकदमों में भी कमी आएगी।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को राहत
वित्त मंत्री ने नैशनल पेंशन योजना (एनपीएस) में राज्य सरकार के कर्मचारियों के अंशदन पर कर कटौती को पहले के 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है। मौजूदा समय में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस में योगदान पर 14 फीसदी कर कटौती की अनुमति है। लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों के मामले में यह 10 फीसदी तक ही सीमित है। एचडीएफसी पेंशन फंड के मुख्य कार्याधिकारी सुमित शुक्ला ने कहा, ‘इससे सामाजिक सुरक्षा का दायरा और मजबूत होगा क्योंकि सभी राज्य सरकारें अपने एनपीएस योगदान को अब 14 फीसदी बढ़ाने पर विचार करेंगी।’
एलटीसीजी पर अधिभार की सीमा
वित्त मंत्री ने सभी संपत्तियों के लिए दीर्घाविध पूंजी लाभ कर पर अधिभार को 15 फीसदी तक सीमिति कर दिया है। पहले सूचीबद्घ शेयरों और यूनिट्स के मामले में ही यह 15 फीसदी था। अन्य संपत्तियों पर एलटीसीजी अधिभार 37 फीसदी तक होता था। इस प्रस्ताव से उच्च कर दायरे में आने वाले करदाताओं को लाभ होगा।
दिव्यांगों को लाभ
वित्त मंत्री ने दिव्यांगों के आश्रितों को भुगतान की अनुमति का प्रस्ताव दिया है जिनके लिए उनके माता-पिता या अभिभावकों ने अपने जीवनकाल में उनके लिए बीमा पॉलिसी ली थी। अभी तक माता-पिता को केवल एकमुश्त भुगतान या एन्युटी पर ही कर कटौती का लाभ मिलता था, वह भी उनकी मृत्यु की स्थिति में। रीन्यूबाय के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी बालचंदर शेखर ने कहा, ‘इससे दिव्यांगों और उनके परिवार के सदस्यों का मनोबल बढ़ेगा।’ पॉलिसीएक्सडॉटकॉम के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी नवल गोयल ने कहा, ‘दिव्यांगों के आश्रितों को उनके माता-पिता या अभिभावक के जीवनकाल में एन्युटी या एकमुश्त भुगतान इस भरोसे के साथ किया जाता था कि बीमा पॉलिसी में लगाई गई राशि का उद्देश्य पूरा होगा। ऐसे दावों के निपटाने में भी वे चिंता नहीं करेंगे।

First Published - February 1, 2022 | 11:39 PM IST

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