केंद्रीय बजट में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए अधिकतम निवेश की सीमा बढ़ाकर 30 लाख रुपये किए जाने से 75,000 करो़ड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। एक सूत्र ने बताया कि इससे सरकार को 2023-24 के लिए अनुमानित शुद्ध बाजार उधारी 11.8 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य में रहने की मदद मिलेगी। केंद्रीय बजट में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए अधिकतम राशि को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के अंतर्गत 50 लाख खाते हैं। इनमें से पांच लाख खाते 15 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक पहुंच चुके हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘यदि खाता धारकों में केवल 10% अपनी बचत को 30 लाख रुपये तक ले जाते हैं तो इससे 75,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकेंगे। रेलवे, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राज्य सरकारों को जिस तरह से धन आवंटित किया गया है, ऐसे में सरकार को बाजार का रुख करने की कोई जरूरत नहीं होगी।’
सूत्र ने कहा, ‘इसका परिणाम यह होगा कि अगले वित्त वर्ष में 11.8 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी के लक्ष्य से ज्यादा उधार नहीं लेना होगा।’ सरकार ने बजट में अगले वित्त वर्ष में 2.6 लाख करोड़ रुपये के रिकार्ड पूंजीगत व्यय की घोषणा की थी। इसमें सरकार की हिस्सेदारी 2.4 लाख करोड़ रुपये होगी जो अब तक की सबसे अधिक हिस्सेदारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 2013-14 की तुलना में आवंटन 9 गुना अधिक था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए आवंटन बढ़ाकर 1.62 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।