प्रणव मुखर्जी ने जो बजट पेश किया, उसमें वित्त वर्ष 2009-10 के लिए मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है। हालांकि इसमें संप्रग सरकार की पिछले 4 साल की उपलब्धियों की तरफ भी ध्यान दिलाया गया है।
दुनिया भर में आर्थिक मंदी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अच्छी खासी तरक्की की है। मंदी के समय में भी भारतीय जीडीपी ने 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ोतरी की है।
हालांकि पिछले कुछ साल में यह रफ्तार इससे अधिक ही थी। लेकिन हाल ही में मंदी ने जिस तेजी से दुनिया भर में पांव पसारे हैं, ऐसे में भी इस दर को बनाए रखना काफी अच्छी उपलब्धि है।
देश में रोजगार, अर्थव्यवस्था को फिर से 9 फीसदी से अधिक की रफ्तार से बढ़ाने और दुरुस्त हालात में लाने के लिए वित्तीय सुधारों को और तेज करने की बेहद जरूरत है। इस बात को भी अंतरिम बजट में सरकार ने काफी महत्व दिया है।
बुनियादी ढांचा खासतौर पर ग्रामीण विकास, शिक्षा और निर्यात क्षेत्र कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें निजी सार्वजनिक भागीदारी मॉडल के जरिए काफी परियोजनाओं पर काम किया जाएगा। जाहिर सी बात है कि इसके लिए इस क्षेत्र में निवेश के साथ ही इस पर खर्च भी अधिक ही होगा।
जैसा कि सभी जानते हैं कि यह सिर्फ अंतरिम बजट है तो जाहिर सी बात है कि ग्रामीण विकास, शिक्षा और निर्यात क्षेत्र के साथ ही बाकी उद्योगों को मंदी से उबारने के लिए जो भी वित्तीय कदम उठाए जाएंगे वह मुख्य बजट में ही होंगे।
किसानों को दी जा रही ब्याज राहत को जारी रखना, ग्रामीण आवासीय योजनाओं पर ध्यान देना, स्वास्थ्य इंश्योरेंस, सार्वजनिक वितरण और प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र में चल रहे कार्यक्रमों को जारी रखकर ही समग्र विकास किया जा सकता है और यही समय की मांग भी है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बात की जाए तो आने वाले वित्त वर्ष में उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाएंगी।
मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वित्त वर्ष 2009-10 में बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋणों की संख्या में 22-25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण करने की वित्त मंत्री की घोषणा बैंकिंग क्षेत्र के लिए सकारात्मक कदम है।
प्रणब मुखर्जी साहब ने लोकसभा में जो भाषण दिया है, वह अंतरिम बजट होने से ज्यादा एक राजनीतिक बयान है। इसमें किसी भी सेक्टर की तरफ गौर नहीं किया गया है। इसमें किसी भी क्षेत्र को कुछ भी नहीं दिया गया है। रियल एस्टेट के बारे में तो वित्त मंत्री साहब बात करना ही भूल गए।
प्रदीप जैन
अध्यक्ष, पार्श्वनाथ
अंतरिम बजट या लेखानुदान में सरकार ने राजस्व सृजन करने के लिए कई विशेष उपाए किए हैं। इसके साथ ही आम लोगों की योजनाओं ग्रामीण विकास, भारत निर्माण, सर्व शिक्षा अभियान और आधारभूत संरचना के विकास पर भी विशेष जोर दिया गया है।
कपिल सिब्बल
केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री