facebookmetapixel
Stock Market: सेंसेक्स-निफ्टी में जोरदार उछाल! अमेरिका-भारत डील से बाजार में जोश7.6% ब्याज दर पर कार लोन! जानिए कौन सा बैंक दे रहा है सबसे सस्ता ऑफरLenskart IPO Listing: अब क्या करें निवेशक? Buy, Sell या Hold?बैंक खाली हो रहे हैं! कहां जा रहा है पैसा?Torrent Power Q2 results: मुनाफा 50% बढ़कर ₹741.55 करोड़, रिन्यूएबल एनर्जी से रेवन्यू बढ़ाFY26 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7% बढ़कर ₹12.92 लाख करोड़ पर पहुंचा, रिफंड में सुस्ती का मिला फायदाDelhi Red Fort Blast: लाल किला धमाके से पुरानी दिल्ली के बाजारों में सन्नाटा, कारोबार ठपअक्टूबर में SIP निवेश ₹29,529 करोड़ के ऑलटाइम हाई पर, क्या है एक्सपर्ट का नजरियाहाई से 43% नीचे गिर गया टाटा ग्रुप का मल्टीबैगर शेयर, क्या अब निवेश करने पर होगा फायदा?Eternal और Swiggy के शेयरों में गिरावट! क्या अब खरीदने का सही वक्त है या खतरे की घंटी?

Economic Survey 2023: भारतीय इकॉनमी बेहतर प्रदर्शन करने को तैयार, महंगाई दायरे में रहेगी- CEA

Last Updated- January 31, 2023 | 6:00 PM IST
आय, बचत पर फिनटेक से सकारात्मक प्रभाव संभव: सीईए वी अनंत नागेश्वरन Fintech solutions can positively impact income, savings: CEA Nageswaran

मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि भारतीय इकॉनमी बेहतर प्रदर्शन करने को तैयार है और इस दशक की शेष अवधि में इकोनॉमिक ग्रोथ 6.5 से सात प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण के संसद में आर्थिक समीक्षा पेश किये जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नागेश्वरन ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में विपरीत चुनौतियों को छोड़ दिया जाए, तो कुल मिलाकर इन्फ्लेशन के दायरे में रहने का अनुमान है।

आर्थिक समीक्षा को मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) ने तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक का चालू वित्त वर्ष में इन्फ्लेशन 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान न तो इतना अधिक है कि निजी खपत को रोके और न ही इतनी कम है कि निवेश के लिये प्रोत्साहन को कमजोर करे।

समीक्षा के अनुसार, देश की अर्थव्यवस्था अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी। लेकिन इसके बावजूद दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। इसका कारण इसने दुनिया के सामने आने वाली असाधारण चुनौतियों से निपटने को लेकर बेहतर प्रदर्शन किया है।

नागेश्वरन ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी रहती है, तो अनुमानित वृद्धि दर पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता बेहतर हुई है और सरकार बजट घाटे के आंकड़ों को लेकर अधिक पारदर्शी हुई है। सार्वजनिक खरीद के मामले में भी पारदर्शिता आई है।

सीईए ने यह भी कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में कर्ज वृद्धि बढ़ रही है और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) क्षेत्र को जनवरी, 2022 से ऋण में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में फंसा कर्ज 15 महीने पहले के मुकाबले कम हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में लक्ष्य से कहीं आगे है।

First Published - January 31, 2023 | 5:14 PM IST

संबंधित पोस्ट