बजट से पूर्व वित्त मंत्रालय को वित्त क्षेत्र के नियामकों से कई तरह के सुझाव मिले हैं। एक ओर जहां पेंशन फंड नियामक ने नई पेंशन योजना के तहत प्रति व्यक्ति आयकर छूट में 50,000 रुपये का इजाफा करने की मांग की है वहीं, गिफ्ट सिटी के नियामक ने प्रवासी भारतीयों के लिए निवेश के नियम को आसान बनाने के लिए कहा है।
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) का मानना है कि आगामी बजट में नई पेंशन प्रणाली के तहत आयकर छूट लेने की सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने से और अधिक लोगों को इसमें भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीडी के तहत 50,000 रुपये की छूट दी गई थी।
पेंशन नियामक ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में कर्मचारियों के योगदान के संदर्भ में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और राज्य सरकार तथा निजी कंपनियों के कर्मचारियों में कर समानता लाने की भी मांग की है।
फिलहाल एनपीएस में केंद्र सरकार की ओर से अपने कर्मचारियों के लिए किया जाने वाला (बेसिक और डीए का) 14 फीसदी का योगदान कर मुक्त है जबकि राज्य सरकारों और कंपनियों का केवल 10 फीसदी का योगदान कर मुक्त है। सूत्रों के मुताबिक पीएफआरडीए चाहता है कि राज्य सरकारों और कंपनियों की ओर से किए जाने वाले कर मुक्त योगदान में चार प्रतिशत अंकों का इजाफा किया जाए।
पेंशन नियामक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह भी चाहता है कि वह एनपीएस का पैसा एन्यूटी में निवेश करने पर उससे होने वाली आमदनी को कर मुक्त करें। फिलहाल, परिपक्व होने पर एनपीएस का 60 प्रतिशत पैसा कर मुक्त है और उसे एन्यूटी में निवेश किया जाता है। बाकी 40 फीसदी को भी यदि एन्यूटी में निवेश किया जाए तो वह कर मुक्त राशि होगी।
हालांकि, यदि कर निर्धारिती की आय कर योग्य स्लैब में आती है तो एन्यूटी से होने वाली आमदनी पर कर लगता है।
इस मांग से अवगत नियामक के एक सूत्र ने कहा, ‘नियामक ने वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि एन्यूटी से होने वाली आमदनी को भी कर से मुक्त किया जाए क्योंकि बहुत से सेवानिवृत्त लोगों के लिए केवल यही आमदनी का जरिया होता है।’
नॉर्थ ब्लॉक को उम्मीद है कि गुजरात में इंटरनैशनल फाइनैंस सर्विस सेंटर (आईएफएससी) की स्थिति मजबूत होगी, वहीं इसके नए प्राधिकरण ने गिफ्ट सिटी में निवेश के इच्छुक अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए आरंभिक सीमा को बढ़ाकर कुछ राहत देने की मांग की है।