कांग्रेस ने केंद्रीय बजट की कड़ी आलोचना की है। मुख्य विपक्षी दल ने इसे देश के 3.2 करोड़ मध्य वर्गीय करदाताओं और बिहार में 7.65 करोड़ मतदाताओं को लुभाने के प्रयासों पर केंद्रित बताया। बिहार में इसी साल के अंत में चुनाव होंगे। पार्टी ने कहा कि शेष भारत को बजट से बहुत कम दिया गया है। तमिलनाडु के एमके स्टालिन और कर्नाटक के उनके समकक्ष सिद्धरमैया समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उनके राज्यों की जरूरतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए बजट की आलोचना की और इसे बिहार केंद्रित करार दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अपनी आर्थिक समीक्षा में सरकार को बहुत ही अच्छी सलाह दी थी, लेकिन न तो वित्त मंत्री और न ही प्रधानमंत्री ने उनकी सलाह पर ध्यान दिया।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 1991 तथा 2004 की तरह आर्थिक सुधार करना नहीं चाहतीं हैं। इस बजट में सिर्फ मध्य वर्ग व बिहार के मतदाताओं को रिझाने का प्रयास हुआ है और शेष भारत को सिर्फ सांत्वना दी गई है। चिदंबरम के अनुसार, यह सरकार पुराने ढर्रे पर चलती रहेगी, जिससे आगामी वित्त वर्ष में 6 या 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर ही देखने को मिलेगी जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी 8 प्रतिशत की वृद्धि दर से बहुत कम है।
चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘बजट से यह स्पष्ट है कि भाजपा करदाता मध्य वर्ग और बिहार के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘इन घोषणाओं का स्वागत मध्य वर्ग के 3.2 करोड़ करदाता और बिहार के 7.65 करोड़ मतदाता करेंगे। बाकी भारत के लिए वित्त मंत्री के पास केवल सांत्वना भरे शब्द थे।’