केंद्रीय बजट से पहले होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के बी काचरू ने कहा है कि भारत के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए कई चीजों में बदलाव की जरूरत है। इनमें मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस की कमी, टैक्स रिफॉर्म, आसान वीजा प्रक्रिया और राज्यों द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
PTI को दिए गए एक इंटरव्यू में काचरू ने भारत को बेहतर तरीके से दुनिया में प्रचारित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड जैसे देशों ने पर्यटन क्षेत्र को महत्व देकर अपनी GDP को बढ़ाने में सफलता पाई है।
काचरू ने कहा कि भारत को उच्च क्षमता वाले MICE (Meetings, Incentives, Conferences, and Exhibitions) डेस्टिनेशन की पहचान कर उन्हें प्रमोट करना चाहिए और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमें निवेश की जरूरत है। सरकार अकेले यह निवेश नहीं कर सकती। प्राइवेट सेक्टर को आकर निवेश करना होगा। उन्हें निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए यह जरूरी है कि उनका ROI (Return on Investment) सम्मानजनक हो। तभी वे निवेश करेंगे।”
काचरू ने कहा कि भारत में “टैक्सेशन एक बड़ा मुद्दा” है। उन्होंने टैक्स दरों में भिन्नता का जिक्र करते हुए कर दरों को आसान बनाने और सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों के अच्छी चीजों को अपनाने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य स्तर पर सरकारों को निवेशकों को आमंत्रित करने और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए आगे आना चाहिए।
काचरू ने आगे कहा, “पहले एक होटल शुरू करने के लिए करीब 100 लाइसेंस की जरूरत होती थी। यह संख्या काफी हद तक कम कर दी गई है, लेकिन अब भी इसे और आसान बनाने की जरूरत है। सभी मानते हैं कि एकल खिड़की (single window) प्रणाली होनी चाहिए। जब तक ऐसा नहीं होता, मुझे लगता है कि इन प्रक्रियाओं को कम से कम करना चाहिए।”
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वीजा प्रक्रिया को और सरल बनाने की जरूरत पर जोड़ देते हुए काचरू ने बताया कि जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड जैसे देशों ने पर्यटन क्षेत्र को प्राथमिकता देकर अपनी GDP में वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि थाईलैंड की GDP में पर्यटन का योगदान लगभग 25 प्रतिशत है, जबकि भारत अभी भी लगभग 6 प्रतिशत के आसपास है।
काचरू कहा, “अगर हमें इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस दिया जाता है, तो अन्य उद्योगों की तरह होटलों को भी कम दर पर ऋण मिल सकेगा। हम इससे ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा विकसित किए जाने वाले 50 नए पर्यटन स्थलों के लिए होटलों, मनोरंजन केंद्रों और कन्वेंशन हॉल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-2024 के बजट पेश करते हुए कहा था कि कम से कम 50 स्थलों को एक पूर्ण पर्यटन पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा।
इस पर काचरू ने कहा, “अगर आप इन 50 स्थलों को विकसित कर रहे हैं और किसी प्रोजेक्ट की लागत ₹10 करोड़ है, तो इसे उद्योग का हिस्सा बनाना चाहिए। हम यह नहीं कह सकते कि इसे नहीं किया जा सकता।”
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को इंडस्ट्री स्टेटस देने की मांग पर उन्होंने कहा, “राज्य सरकारों को इंडस्ट्री के फायदे देने होंगे। बिजली दरों की बात करें तो जो अन्य उद्योगों को मिल रही हैं, वही दरें होटलों को भी दी जानी चाहिए।”