वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप के लिए कंपनी बनने की अंतिम तिथि 5 साल बढ़ाकर 1 अप्रैल 2030 तक करने का फैसला किया है। इस पर उद्योग ने खुशी जताई है।
इससे उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा चिह्नित स्टार्टअप को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 आईएसी के तहत कर लाभ मिल सकेगा।
शनिवार को बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘हम भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को समर्थन जारी रखेंगे। मैं कंपनी बनने की अवधि 5 साल बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं, जिससे 1 अप्रैल,2030 के पहले इनकॉर्पोरेटेड स्टार्टअप को लाभ मिल सकेगा।’
इस घोषणा को स्टार्टअप के लिए बड़ी जीत बताते हुए डीपीआईआईटी के संयुक्त सतिव संजीव सिंह ने कहा कि यह स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए उत्साहजनक खबर है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए स्टार्टअप के पास डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता के अलावा 100 करोड़ रुपये का राजस्व होना आवश्यक है।
इकोनॉमिक लॉ प्रैक्टिस में पार्टनर राहुल चरखा ने कहा कि धारा 80 आईएसी के मुताबिक स्टार्टअप इनकॉर्पोरेशन के वर्ष से अगले 10 साल में लगातार 3 साल तक मुनाफे पर 100 प्रतिशत कर छूट का लाभ उठा सकते हैं।
रस्तोगी चैंबर्स के संस्थापक अभिषेक रस्तोगी ने कहा कि इस अहम कर लाभ के लिए ज्यादा स्टार्टअप पात्र हो सकती हैं, जिससे उनके नकदी का प्रवाह और मुनाफे में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, ‘बढ़े हुए कर लाभ से स्टार्टअप, वेंचर कैपिटल के लिए आकर्षक निवेश केंद्र बनेंगे, क्योंकि शुरुआती स्तर पर ज्यादा मुनाफे की संभावना रहेगी।’
क्रिसकैपिटल के पार्टनर और सीओओ एश्ली मेनजेस ने कहा, ‘यह अतिरिक्त फायदा दिए जाने से नए उद्यमों को आगे बढ़ने, रोजगार सृजन करने और भारत की आर्थिक वृद्धि में सार्थक योगदान देने के लिए एक स्थिर नीतिगत ढांचा मिलेगा।’
हर क्षेत्र के स्टार्टअप ने इस बजट घोषणा का स्वागत किया है और कहा है कि इस कदम से वित्तीय राहत मिलेगी और उद्यमशीलता में तेजी आएगी। ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजी प्लेटफॉर्म एस्ट्रोयोगी के सह संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी आदित्य कपूर ने कहा कि उन्हें बजट में की गई घोषणा के असर को लेकर सकारात्मक उम्मीद है।