Budget Special 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आठवां लगातार केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं, जिससे विभिन्न उद्योगों और टैक्सपेयर्स को बड़ी उम्मीदें हैं। केंद्रीय बजट न केवल सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित करता है, बल्कि निवेशकों की धारणा पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
वित्त वर्ष 2025 का केंद्रीय बजट 1 फरवरी, 2025 (शनिवार) को पेश किया जाएगा। इस ऐतिहासिक दिन पर शेयर बाजार सामान्य समय के अनुसार खुले रहेंगे।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “केंद्रीय बजट पेश किए जाने के कारण 1 फरवरी, 2025 (शनिवार) को एक्सचेंज में लाइव ट्रेडिंग सत्र सामान्य बाजार समय के अनुसार संचालित किया जाएगा।”
हर साल स्टॉक मार्केट बजट घोषणाओं पर पैनी नजर रखता है क्योंकि ये घोषणाएं आने वाले महीनों में बाजार की दिशा तय करती हैं। इस बार के बजट में सुधार, कर राहत और प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीदें लगाई जा रही हैं। ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार, बजट के दिन शेयर बाजार में आमतौर पर भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है, क्योंकि इसकी घोषणाओं पर निवेशकों की प्रतिक्रियाएं सकारात्मक से लेकर नकारात्मक तक हो सकती हैं।
बजट 2025 की घोषणाओं से पहले, एक नजर डालते हैं बीते 10 वर्षों में बजट के दिन शेयर बाजार की चाल पर। हर बजट के दौरान बाजार की प्रतिक्रिया ने निवेशकों की धारणा और बाजार की दिशा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
आइए जानते हैं कि बीते एक दशक में बजट वाले दिन बाजार ने कैसा प्रदर्शन किया है?
23 जुलाई 2024 को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल (Modi 3.0) का पहला पूर्ण बजट पेश किया गया। निवेशकों को उम्मीद थी कि बजट में कई बड़ी घोषणाएं होंगी, लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया थोड़ी निराशाजनक रही। इस दौरान सेंसेक्स 0.09% की गिरावट के साथ 80,429 पर और निफ्टी 0.12% की गिरावट के साथ 24,479 पर बंद हुआ। हालांकि, बाजार में ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिली क्योंकि बजट में लॉन्ग-टर्म ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए कुछ ठोस नीतियों की घोषणा की गई, जिससे निवेशकों की घबराहट कम हुई और भविष्य में सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद बनी रही।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए 2023 के केंद्रीय बजट में सार्वजनिक वित्त को मजबूत बनाने और वित्तीय क्षेत्र को मजबूती देने की कई घोषणाएं की गईं। इन घोषणाओं का शेयर बाजार पर मिला-जुला असर देखने को मिला।
इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स में 1100 से अधिक अंकों की तेज़ी आई, लेकिन अंत में यह सिर्फ 158.18 अंकों की बढ़त के साथ 59,708.08 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 50 इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई और यह 45.85 अंक नीचे आकर 17,616.30 पर बंद हुआ।
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बजट 2022 की घोषणाओं के बाद शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखी गई, जहां सेंसेक्स 849.40 अंक चढ़कर 58,862.57 पर बंद हुआ और निफ्टी 50 में 237 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 17,576.85 पर बंद हुआ। फार्मा, एफएमसीजी, मेटल्स, आईटी और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर्स में मजबूत बढ़त दर्ज की गई, जबकि कस्टम ड्यूटी में कटौती और निर्यात को बढ़ावा देने से टेक्सटाइल शेयरों में उछाल आया। हालांकि, ऑटो और तेल-गैस सेक्टर में गिरावट देखी गई, और बढ़ते वित्तीय घाटे के चलते सरकारी बॉन्ड यील्ड्स में 15-20 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी हुई, जिससे PSU बैंकों की ट्रेजरी आय पर दबाव पड़ा।
साल 2021 में शेयर बाजार ने 20 वर्षों का सबसे अच्छा प्रदर्शन दर्ज किया, जहां प्रमुख सूचकांक 5% बढ़े। केंद्र सरकार के बजट 2021 को निवेशकों ने सकारात्मक रूप में लिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बजट ने बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और आर्थिक सुधारों पर जोर देकर बाजार में सकारात्मक धारणा बनाई, जिससे निवेशकों में उत्साह बढ़ा और व्यापक खरीदारी देखने को मिली थी।
बजट 2020 को लेकर शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी, जहां बीएसई सेंसेक्स 988 अंक गिरकर 39,735 पर और निफ्टी 300 अंक टूटकर 11,662 पर बंद हुआ। बजट में नए टैक्स स्लैब और कम टैक्स दरों की घोषणा की गई, लेकिन दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर में राहत या उद्योगों के लिए बड़े प्रोत्साहन की कमी से निवेशक निराश हो गए। इस गिरावट के चलते एक ही दिन में निवेशकों को लगभग ₹3.6 लाख करोड़ का नुकसान हुआ, जिसे पिछले 12 वर्षों का सबसे खराब बजट-दिवस माना जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में बाजार की उम्मीदों के अनुसार कोई बड़ा सुधार नहीं दिखा, जिससे बाजार में नकारात्मक माहौल बना रहा।
1 फरवरी 2019 को वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट (interim budget) पेश किया था, जिसमें मौजूदा आयकर स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इस बजट के बाद शेयर बाजार में बढ़त देखी गई, जहां बीएसई सेंसेक्स 212 अंक चढ़कर 36,469.43 पर और निफ्टी 50 इंडेक्स 62.7 अंक बढ़कर 10,893.65 पर बंद हुआ। इसके बाद 5 जुलाई 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया, जिसमें अंतरिम बजट की बड़ी घोषणाओं को जारी रखा गया। हालांकि, इस बजट से बाजार में गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स दिन में 980 अंक तक गिरने के बाद हल्की रिकवरी करते हुए 394.67 अंकों की गिरावट के साथ 39,513.39 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 भी 135.60 अंक गिरकर 11,811.20 पर बंद हुआ।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018 में अपना आखिरी बजट पेश किया, जिसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की वापसी और डिविडेंड पर अतिरिक्त टैक्स की घोषणाओं ने बाजार की धारणा कमजोर कर दी। बीएसई सेंसेक्स 58.36 अंकों की गिरावट के साथ 35,906.66 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 10.80 अंकों की गिरावट के साथ 11,016.90 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में यह गिरावट पिछले 10 वर्षों में बजट के दिन की आठवीं गिरावट थी।
1 फरवरी 2017 को बजट पेश किया गया और पहली बार रेल बजट को केंद्रीय बजट में शामिल किया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत देने की घोषणा की और राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3% तय किया। नोटबंदी के कारण बढ़ी कर वसूली और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स की अवधि को 3 साल से घटाकर 2 साल करने जैसे बड़े फैसलों ने बाजार को मजबूती दी। बजट पेश होने के बाद बीएसई सेंसेक्स 485.68 अंकों की बढ़त के साथ 28,141.64 पर बंद हुआ और 1.76% की बढ़त दर्ज की, जो 2010 के बाद बजट के दिन की सबसे बड़ी बढ़त थी। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 155.10 अंकों की तेजी के साथ 8,716.40 पर बंद हुआ।
29 फरवरी 2016 को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश बजट में किसानों की आय पांच साल में दोगुनी करने जैसे बड़े ऐलान किए गए। हालांकि, बाजार पर इसका सकारात्मक असर नहीं दिखा। बीएसई सेंसेक्स 152.30 अंकों की गिरावट के साथ 23,002.00 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 42.70 अंकों की गिरावट के साथ 6,987.05 पर बंद हुआ।
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28 फरवरी 2015 को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निवेश बढ़ाने पर केंद्रित केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट पर शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे बीएसई सेंसेक्स 141.38 अंकों की बढ़त के साथ 29,361.50 पर और एनएसई निफ्टी 57 अंकों की बढ़त के साथ 8,901.80 पर बंद हुआ। हालांकि, इसके बाद के महीने में निफ्टी में 4.6% की गिरावट दर्ज की गई।