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पूंजीगत खर्च में 35 फीसदी का इजाफा

Last Updated- December 11, 2022 | 9:29 PM IST

वित्त मंत्री ने मंगलवार को वित्त वर्ष 23 के लिए पूंजीगत खर्च वित्त वर्ष 22 के बजट अनुमान के मुकाबले 35.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का ऐलान किया ताकि महामारी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक निवेश के जरिए सुधार जारी रहे।
वित्त वर्ष 22 के लिए पूंजीगत खर्च का संशोधित अनुमान 6.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसका कारण टाटा को सौंपे जाने से पहले एयर इंडिया के 51,971 करोड़ रुपये के कर्ज का निपटान था। हालांकि ऋण प्रतिभूतियों को अलग रखते हुए सरकार का वित्त वर्ष 22 में पूंजीगत खर्च बजट अनुमान के मुकाबले संशोधित अनुमान में 3,496 करोड़ रुपये कम रह सकता है। वित्त वर्ष 22 में दिसंबर तक पहली बार केंद्र सरकार के मंत्रालयों की तरफ से पूंजीगत खर्च 70.7 फीसदी रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि के 75 फीसदी के मुकाबले कम है।
कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने ट्विटर पर वित्त मंत्री से पूछा, वित्त वर्ष 22 में सरकार का पूंजीगत खर्च पहले आठ महीने में बजट अनुमान का 50 फीसदी रहा। ऐसे में आप वित्त वर्ष 23 में 7.5 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च कैसे सुनिश्चित करेंगे।
हालांकि लगता है कि सरकार को केंद्रीय मंत्रालयों की तरफ से पूंजीगत खर्च में अवरोध का अहसास हुआ है, ऐसे में वित्त वर्ष 23 के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त पूंजीगत खर्च आवंटन में से एक लाख करोड़ रुपये साल के दौरान राज्योंं को पूंजीगत खर्च के लिए विशेष कर्ज सहायता के तौर पर दिए जाएंगे।
सीतारमण ने कहा कि तेज गति से और स्थिर आर्थिक सुधार के अलावा एकीकरण के लिए पूंजीगत खर्च अहम है। उन्होंने कहा, पूंजीगत खर्च से रोजगार के मौके सृजित करने में भी मदद मिलती है, बड़े उद्योगोंं व एमएसएमई से विनिर्मित इनपुट की बढ़ी मांग, प्रोफेशनल की सेवा आदि में भी मदद मिलती है और किसानों को बेहतर कृषि बुनियादी ढांचे का फायदा मिलता है। महामारी के बाद अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई है। हालांकि 2020-21 की भरपाई के लिए हमें स्थिर विकास की दरकार है।
नवोन्मेषी वित्त पोषण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार अब महत्वपूर्ण क्षेत्रों मसलन काइमेट ऐक्शन, डीप-टेक, डिजिटल इकॉनमी, फार्मा व एग्रीटेक में थिमेटिक फंडों के जरिये प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जहां सरकार के पास सीमित तौर पर 20 फीसदी हिस्सेदारी होगी और फंडों का प्रबंधन प्राइवेट फंड मैनेजर करेंगे।
सरकार चार स्थानों पर पीपीपी मोड के जरिये वित्त वर्ष 23 में मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स पाक्र्स के क्रियान्वयन के लिए अनुबंध प्रदान करेगी। 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल भी अगले तीन साल मेंं विकसित किए जाएंगे।
इसके अलावा मेट्रो की व्यवस्था तैयार करने की खातिर वित्त के नवोन्मेषी तरीके व तेज क्रियान्वयन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। सार्वजनिक शहरी परिवहन व रेलवे स्टेशनों के बीच मल्टीमोडल कनेक्टिविटी को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा। मेट्रो सिस्टम के डिजायन दोबारा बनाए जाएंगे और उसका मानकीकरण भारतीय परिस्थितियोंं व जरूरतों के मुताबिक होगा।
वित्त मंत्री ने कहा, इस समय निजी निवेश की दरकार है जो अर्थव्यवस्था की क्षमता व उसकी जरूरतों को सहारा दे सके। सार्वजनिक निवेश इसमें आगे भी निश्चित तौर पर जारी रहेगा और 2022-23 में निजी निवेश व मांग में इजाफा करेगा।
निजी पूंजी को प्रोत्साहित करने के लिए सीतारमन ने कहा कि परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता में इजाफा के लिए कदम उठाए जाएंगे, जिसमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप शामिल है और उसमें मल्टीलेटरल एजेंंसियों की तकनीकी व अन्य सहायता ली जाएगी। बेहतर वैश्विक चलन को अपनाकर भी वित्तीय व्यवहार्यता में इजाफा किया जाएगा। साथ ही वित्त पोषण के नवोन्मेषी तरीके और संतुलित जोखिम आवंटन पर भी ध्यान दिया जाएगा।

First Published - February 1, 2022 | 11:23 PM IST

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