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Car sales slowdown: फरवरी 2025 में कारों की बिक्री की वृद्धि दर में गिरावट देखी गई, जो पिछले साल की तुलना में कम रही। एक्सपर्ट्स ने इस मंदी के पीछे कई कारणों पर जोड़ दिया है। हालांकि, ऑटो इंडस्ट्री ने इससे पहले भी कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन इस महीने की सुस्त वृद्धि ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस ट्रेंड के पीछे मुख्य रूप से पांच कारणों को माना जा रहा है।
बिजनेस न्यूज वेबसाइट CNBC TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 में साल के अंत में मिलने वाली भारी छूट के चलते कई लोगों ने कारें खरीद लीं। इससे उस समय बिक्री में तो उछाल आया, लेकिन साथ ही 2025 की शुरुआत में संभावित खरीदारों की संख्या कम हो गई। जब कंपनियों ने बड़े ऑफर्स देकर अपना स्टॉक क्लियर कर दिया, तो नए साल में कार खरीदने वालों की संख्या घट गई। इस गिरावट ने स्वाभाविक रूप से कारोंं की बिक्री की गति को धीमा कर दिया।
दिसंबर में छूट के बाद कई कार कंपनियों ने 2025 की शुरुआत में कीमतें बढ़ा दीं। उदाहरण के लिए, जो ग्राहक साल के अंत की डील्स का फायदा नहीं उठा पाए, उन्हें अब अधिक कीमत चुकानी पड़ रही थी। जब अचानक दाम बढ़ते हैं, तो ग्राहक अक्सर दाम कम होने का इंतजार करते हैं। इस वजह से फरवरी में कार बिक्री की वृद्धि दर धीमी हो गई।
जनवरी 2025 की शुरुआत से ही शेयर बाजार में गिरावट आई, जिससे लोग बड़ी रकम खर्च करने को लेकर घबराने लगे। कार खरीदना एक बड़ा निवेश होता है, और जब वित्तीय बाजार अस्थिर दिखते हैं, तो ग्राहक आमतौर पर खरीदारी टाल देते हैं। इस वित्तीय अनिश्चितता के कारण कम लोग शोरूम पहुंचे, जिससे कारों की बिक्री की गति धीमी पड़ गई।
फरवरी 2025 में Hyundai जैसी कंपनियों को घरेलू बाजार में संघर्ष करना पड़ा, जिसका कारण वैश्विक तनाव था। उदाहरण के लिए, लगातार जारी व्यापार विवादों और सप्लाई चेन में रुकावटों के कारण उत्पादन लागत बढ़ गई। इन समस्याओं का असर ग्राहकों पर भी पड़ा, जिन्हें या तो अधिक कीमत चुकानी पड़ी या फिर गाड़ियों की डिलीवरी में देरी हुई। दोनों ही कारणों से कारों की बिक्री प्रभावित हुई।
फरवरी 2025 में Mahindra की SUV बिक्री में 19% की बढ़ोतरी हुई, लेकिन फिर भी कुल कार बिक्री की बढ़ोतरी दर धीमी रही। यह दर्शाता है कि लोग अब पारंपरिक कारों की तुलना में SUV जैसी खास गाड़ियों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। जब कम लोग sedan या hatchback खरीदते हैं, तो ओवरऑल कार बाजार की बढ़ोतरी रुक जाती है, भले ही कुछ खास सेगमेंट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हों।
इस साल की शुरुआत से ऑटो कंपनियां मुख्य रूप से इन्ही चुनौतियों का सामना कर रही हैं, और अगर भविष्य में ग्राहकों को बेहतर ऑफर्स या नए मॉडल्स देखने को मिल सकते हैं तो बाजार में दोबारा तेजी आ सकती है।