facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदी

वाहन क्षेत्र के लिए मजबूत रही जनवरी तिमाही

इस क्षेत्र ने जनवरी-मार्च तिमाही में 1.5 अरब डॉलर के 29 सौदे किए।

Last Updated- April 17, 2025 | 10:39 PM IST
Electric Car
प्रतीकात्मक तस्वीर

ग्रांट थॉर्नटन भारत की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत के ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर ने कैलेंडर वर्ष 2025 की शुरुआत मजबूती के साथ की। इस क्षेत्र ने जनवरी-मार्च तिमाही में 1.5 अरब डॉलर के 29 सौदे किए। पिछली तिमाही की तुलना में सौदों के कुल मूल्य में 63 फीसदी की गिरावट के बावजूद (ह्युंडै मोटर इंडिया का 3.6 अरब डॉलर का आईपीओ न आने से) अंतर्निहित निवेश की गति मजबूत रही।
आईपीओ और पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) को छोड़ दें तो सौदों का वॉल्यूम 2024 की चौथी तिमाही के 22 फीसदी से बढ़कर 2025 की पहली तिमाही में 28 फीसदी पर पहुंच गया जबकि वैल्यू 50.9 करोड़ डॉलर से 191 फीसदी बढ़कर 1.4 अरब डॉलर हो गई। इस वृद्धि को रणनीतिक अधिग्रहणों और वित्तीय निवेशों से मजबूती मिली, जिसमें एक अरब डॉलर का निजी इक्विटी सौदा और 5 करोड़ डॉलर से अधिक के तीन उच्च-मूल्य वाले लेनदेन शामिल हैं।

ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और ऑटो इंडस्ट्री लीडर साकेत मेहरा ने कहा, भारत का ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर बदलाव के दौर से गुजर रहा है जिसकी वजह विद्युतीकरण, डिजिटल एकीकरण और स्थिरता पर बढ़ता फोकस है। वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों के बावजूद निवेशकों का विश्वास बेहतर बना हुआ है। प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए भारतीय कंपनियों को नवाचार, साझेदारी और अगली पीढ़ी की मोबिलिटी पेशकशों पर अभी के मुकाबले दोगुना ध्यान देना होगा। विलय और अधिग्रहण की रफ्तार जारी रही, जिसमें 35.9 करोड़ डॉलर के नौ सौदे दर्ज किए गए जो लगातार तीसरी तिमाही में वृद्धि को दर्शाते हैं। एमऐंडए परिदृश्य में स्थानीयकरण को मजबूत करने और उत्पाद पोर्टफोलियो को फिर से संगठित करने के मकसद से घरेलू समेकन का बोलबाला रहा।

मिंडा कॉरपोरेशन का फ्लैश इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी का 16.1 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण करना मुख्य आकर्षण रहा। इटली के फोंटाना ग्रुपो द्वारा राइट टाइट फास्टनर्स में 60 फीसदी हिस्सेदारी का 11.5 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण दुर्लभ लेकिन उल्लेखनीय कदम था जबकि देश से बाहर गतिविधियां कमजोर रहीं। पिछली तिमाही में सौदों का औसत आकार 50 लाख डॉलर से बढ़कर 3.1 करोड़ डॉलर हो गया जिसमें अग्रणी तीन सौदों ने कुल एमऐंडए मूल्य में करीब 94 फीसदी का योगदान किया।

अधिकांश विलय औरअधिग्रहण गतिविधियां इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारिस्थितिकी तंत्र पर केन्द्रित रहीं, जिनमें बैटरी प्रबंधन और ऊर्जा भंडारण समाधान और वाणिज्यिक ईवी क्षेत्र में समेकन भी शामिल था। निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी (पीई/वीसी) निवेश ने भी मजबूत तिमाही दर्ज की जिसमें 1.12 अरब डॉलर के 19 सौदे हुए और यह 2024 की चौथी तिमाही की तुलना में मूल्य में छह गुना उछाल और मात्रा में 36 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। यह उछाल काफी हद तक यूएई आधारित निवेशक द्वारा एरिशा ई-मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड में किए गए 1 अरब डॉलर के निवेश से आई

First Published - April 17, 2025 | 10:33 PM IST

संबंधित पोस्ट