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भारत में EV इंश्योरेंस की बंपर डिमांड: तीन साल में 16 गुना इजाफा, बैटरी चोरी और आग से बढ़े क्लेम

EV कारों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023 में सिर्फ 0.50% थी, जो 2024 में बढ़कर 3.50% हो गई। वहीं, मार्च 2025 तक यह आंकड़ा 14% तक पहुंचने की उम्मीद है।

Last Updated- March 24, 2025 | 7:03 PM IST
Electric vehicles (EV)
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pixabay

EV Insurance: भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसके चलते EV मार्केट में लगातार तेजी देखने को मिल रही है और कंपनियां नए नए EV मॉडल्स पेश कर रही हैं। EV की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ EV इंश्योरेंस को अपनाने में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। पॉलिसीबाजार की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन सालों में EV के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी की मांग 16 गुना बढ़ गई है। खासकर शहरी इलाकों में लोग न सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीद रहे हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस भी ले रहे हैं। यह बदलाव साफ दिखाता है कि लोग अब पर्यावरण के साथ-साथ अपनी गाड़ियों की हिफाजत को भी अहमियत दे रहे हैं।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि EV कारों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023 में सिर्फ 0.50% थी, जो 2024 में बढ़कर 3.50% हो गई। वहीं, मार्च 2025 तक यह आंकड़ा 14% तक पहुंचने की उम्मीद है। यानी तीन साल में यह हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। दूसरी तरफ, दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की इंश्योरेंस बुकिंग भी हर साल दोगुनी हो रही है। पिछले साल जहां 10,000 पॉलिसी बिकीं, वहीं इस साल यह संख्या 20,000 तक पहुंच गई। खास बात यह है कि इनमें से 98-99% स्कूटर हैं, जो बाजार में इनकी भारी मांग को दिखाता है।

शहरी इलाकों में सबसे ज्यादा रुझान

EV इंश्योरेंस का चलन बड़े शहरों में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। टॉप पांच शहरों से 55% इंश्योरेंस पॉलिसी की खरीद हुई है। इसमें दिल्ली-एनसीआर 18.3% के साथ पहले नंबर पर है, जबकि बेंगलुरु 16%, पुणे 7.6%, चेन्नई 6.7% और मुंबई-ठाणे 6.4% हिस्सेदारी के साथ पीछे हैं। टियर 1 शहर 58% पॉलिसी के साथ आगे हैं, वहीं टियर 2 शहरों में 30% और टियर 3 शहरों में 12% इंश्योरेंस लिया जा रहा है। इससे साफ है कि बड़े शहरों में EV को अपनाने की रफ्तार तेज है।

लोग अपनी गाड़ियों की पूरी सुरक्षा चाहते हैं, इसलिए इंश्योरेंस में ऐड-ऑन की मांग भी बढ़ रही है। EV कार मालिक जीरो डेप्रिशिएशन, रोड साइड असिस्टेंस, बैटरी कवर और टायर प्रोटेक्शन जैसे ऑप्शन चुन रहे हैं। वहीं, दोपहिया वाहनों के लिए बैटरी प्रोटेक्शन और चार्जर कवर सबसे जरूरी माने जा रहे हैं। ये ऐड-ऑन गाड़ी की महंगी बैटरी और दूसरी चीजों को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।

बैटरी चोरी और आग के मामले अधिक

EV में क्लेम की दर आम गाड़ियों से ज्यादा है। इसका बड़ा कारण बैटरी चोरी और आग लगने की घटनाएं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, EV की कीमत में 50-60% हिस्सा बैटरी का होता है, जिसके चलते चोर इसे निशाना बनाते हैं। इसके अलावा, चार्जिंग के दौरान ओवरहीटिंग से आग लगने की घटनाएं भी हुई हैं, जिससे बड़े नुकसान के क्लेम आए हैं। बैटरी की ऊंची कीमत की वजह से रिपेयर और रिप्लेसमेंट का खर्च भी ज्यादा हो जाता है।

पॉलिसीबाजार के जनरल इंश्योरेंस के सीबीओ अमित छाबड़ा का कहना है कि EV इंश्योरेंस की बढ़ती मांग भारत के पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का सबूत है। अमित कहते हैं, “तीन साल में 16 गुना बढ़ोतरी दिखाती है कि लोग न सिर्फ EV खरीद रहे हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा भी चाहते हैं। इंश्योरेंस कंपनियां भी नए जोखिमों से निपटने के लिए लगातार कोशिश कर रही हैं।” यह ट्रेंड भारत को साफ-सुथरी गतिशीलता (Sustainable Mobility) की ओर ले जा रहा है।

First Published - March 24, 2025 | 6:58 PM IST

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