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लेखक : सुनीता नारायण

आज का अखबार, लेख

दूरदर्शी और कद्दावर नेता थे मनमोहन सिंह

हमारा संबंध आम नहीं था बल्कि आप उसे अजीब भी कह सकते हैं। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह बाजार अर्थव्यवस्था की पुरानी लीक से हटकर थे। अनिल अग्रवाल कट्टर पर्यावरणविद् थे। वर्ष 1991 में जब मनमोहन सिंह ने भारत का उदारीकरण किया और कारोबार के लिए दरवाजे खोल दिए तो उनकी […]

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जमीनी हकीकत: भविष्य की ओर बढ़ने से पहले पीछे मुड़कर देखें

वर्ष 2024 को ऐसे साल के रूप में याद किया जाएगा, जिसमें दुनिया कई मायनों में बदल गई। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा, जब दुनिया का कोई न कोई हिस्सा मौसम की अति का शिकार नहीं हुआ। इन विकट परिस्थितियों में गर्मी और ठंड के नए रिकॉर्ड बने और कुछ दिन के भीतर फिर टूट […]

आज का अखबार, लेख

जमीनी हकीकत: जलवायु परिवर्तन पर ट्रंप के रुख का प्रभाव

डॉनल्ड ट्रंप की दूसरी पारी जलवायु परिवर्तन के लिए क्या मायने रखती है? ट्रंप दुनिया को अब तक सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैस देने वाले और हर साल उनके उत्सर्जन में दूसरा सबसे ज्यादा इजाफा करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। सर्वविदित है कि वह जलवायु परिवर्तन को संशय से देखते हैं और […]

आज का अखबार, लेख

जमीनी हकीकत: स्वच्छ हवा के रास्ते में खड़ी चुनौतियां

ये साल के वे दिन हैं जब हर बार की तरह दिल्ली और इसके आसपास विस्तारित शहरों के लोग एक अनचाही मुसीबत का इंतजार करते हैं। सर्दियां दहलीज पर हैं। हवा की गति धीमी पड़ने लगी है और प्रदूषक तत्त्व वातावरण में ठहरने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह समस्या इतनी गंभीर होने वाली […]

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रतन टाटा: एक महान शख्सियत जिन्होंने कारोबार में असहज विचारों को भी दिया सम्मान

दिवंगत रतन टाटा के साथ हमारा पहला संपर्क सुखद नहीं था। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कारण दम घुटने जैसी स्थिति बन गई थी और हमने स्वच्छ हवा के अधिकार का अभियान शुरू कर दिया था। डीजल को हवा में घुलने वाले सूक्ष्म कण पीएम 2.5 के उत्सर्जन का जिम्मेदार बताया जा रहा था। 1990 […]

आज का अखबार, लेख

जमीनी हकीकत: वायनाड आपदा, बदलें पर्यावरण संरक्षण तरीका

केरल के वायनाड जिले में भयावह भूस्खलन की घटना से मची तबाही के लिए आखिर कौन और क्या चीजें जिम्मेदार है? इस घटना में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। यह प्रश्न महत्त्वपूर्ण है, भले ही इस आपदा को हुए कई सप्ताह बीत चुके हैं और अब हमारा ध्यान भी दूसरी विनाशकारी आपदाओं की […]

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जमीनी हकीकत: वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हो सार्थक पहल, तैयारियों के बीच असल समस्या पर किसी का ध्यान ही नहीं

वायु प्रदूषण की समस्या अब घातक हो चुकी है। अब यह बहस का मुद्दा भी नहीं है। हम लोगों में से अधिकांश लोग जो गैस चैंबर जैसे शहरों में जी रहे हैं, उन्हें मालूम है कि सांस लेने के लिए यह हवा सही नहीं है। लेकिन हम इसके बारे में क्या कर रहे हैं? यहीं […]

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जमीनी हकीकत: जलवायु परिवर्तन- जीवन और मौत का सवाल?

हम यह जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन का असर मौसम पर भी पड़ता है जिससे लोगों की जिंदगी और आजीविका के साधन दोनों ही प्रभावित होते हैं। लेकिन हम इस बात पर पर्याप्त चर्चा नहीं करते हैं कि मौसम के ये चरम स्तर लोगों के स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित करते हैं। इस निराशाजनक दौर […]

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जमीनी हकीकत: जलवायु परिवर्तन के दौर में सरकार का एजेंडा

देश में एक बार फिर पांच साल के लिए नई सरकार का गठन हो गया है। मेरी नजर में इस सरकार का एजेंडा वही पुराना है लेकिन इसमें एक बुनियादी अंतर है। यह एजेंडा देश के विकास और जलवायु परिवर्तन (Climate change) के दौर को देखते हुए होना चाहिए। एक तथ्य यह भी है कि […]

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जमीनी हकीकत: अर्थव्यवस्था भले हो नई, आदतें वही पुरानी

दुनिया तेजी से हरित अर्थव्यवस्था (Green Economy) की ओर बढ़ रही है। अब यह सौर और पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ बढ़ रही है, ताकि ऊर्जा प्रणाली से कोयला और गैस को हटाया जा सके; इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ रही है ताकि परिवहन से तेल की जरूरत को खत्म किया जाए; हाइड्रोजन की […]

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