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लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, संपादकीय

संपादकीय: कंपनियों के नतीजों से उत्साहजनक संकेत

वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) के कंपनियों के नतीजों से संकेत मिलते हैं कि कॉरपोरेट जगत की वृद्धि में सुधार, मार्जिन में कुछ बढ़त के साथ जारी है। हालांकि, बैंक और वित्तीय जगत की कंपनियों का समूचे लाभ में बड़ा हिस्सा है और ऊर्जा क्षेत्र में प्रभुत्व रखने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: एआई में तेज बदलाव, बड़ी टेक कंपनियों के बीच होड़

ओपनएआई के आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट चैटजीपीटी की शुरुआत के करीब 18 महीने बाद माइक्रोसॉफ्ट समर्थित इस कंपनी ने अपना ताजा लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) जीपीटी-4 ओमनी या जीपीटी-4ओ जारी कर दिया है। ऐसा करते हुए चैटजीपीटी ने वैश्विक एआई जगत में अपना दबदबा फिर से मजबूत किया है। बहरहाल, मेटा और गूगल जैसी अन्य […]

आज का अखबार, संपादकीय

संपादकीय: सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए अपवादों से बचें

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने बुधवार को शेयर बाजार को जानकारी दी कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उसे 10 फीसदी सार्वजनिक अंशधारिता की अनिवार्यता पूरी करने के लिए तीन साल की मोहलत और दे दी है। अब उसे 16 मई, 2027 तक इसे पूरा करना होगा। एक लाख करोड़ रुपये से […]

आज का अखबार, संपादकीय

संपादकीय: मुंबई में बिलबोर्ड हादसा…लापरवाही का नमूना

Mumbai Hoarding Collapse: मुंबई में एक बिलबोर्ड (Billboard) के गिरने से 14 लोगों की मौत और 75 लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले से यह बात एक बार फिर उजागर हो गई है कि देश के शहरों के नगर निकाय अधिकारियों में किस कदर लापरवाही घर कर चुकी है। जैसा कि जांच में सामने आ […]

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संपादकीय: चाबहार पोर्ट को लेकर ईरान संग करार…भूराजनीतिक लाभ

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के नेतृत्व में अपनी परिकल्पना के दो दशक से ज्यादा समय बाद और नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चाबहार (Chabahar) में अंतरराष्ट्रीय परिवहन और ट्रांजिट कॉरिडोर की स्थापना संबंधी समझौते के आठ वर्ष बाद आखिरकार भारत और ईरान ने सोमवार को 10 वर्षीय परिचालन अनुबंध पर हस्ताक्षर कर दिए। भारत सरकार […]

आज का अखबार, लेख

भारत की वृद्धि प्राथमिकताओं को सही करने की जरूरत

आकार ही नहीं बल्कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी अपने समकक्षों की बराबरी करने के लिए भारत को स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। बता रहे हैं जनक राज ऐतिहासिक रूप से देखें तो अकेले आर्थिक वृद्धि या आय को ही मानव विकास का प्राथमिक मानक माना जाता था। […]

आज का अखबार, संपादकीय

संपादकीय: वृद्धि के लिए बैंकिंग

पिछला वित्त वर्ष (2023-24) निजी बैंकों के लिए बेहतर और सरकारी क्षेत्रों के लिए शानदार रहा। सभी बैंकों की समेकित शुद्ध आय में विस्तार हुआ और ज्यादातर समय शुद्ध ब्याज मार्जिन भी बरकरार रहा। बैंकों की गैर ब्याज आय भी बढ़ी क्योंकि बैंकों ने पूरक उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था बढ़ाई और उनकी शुल्क आय […]

आज का अखबार, संपादकीय

संपादकीय: मायने रखता है प्रवास

कई भारतीय नागरिक अन्य देशों, खासकर खाड़ी और विकासशील देशों में जाते हैं। आंतरिक प्रवास यानी देश के भीतर लोगों का एक स्थान से दूसरे पर जाना और देश से दूसरे देशों में जाना अक्सर आजीविका के बेहतर अवसरों के लिए होता है। परंतु कई बार ऐसा हताशा में भी होता है। वर्ष 2020 में […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: अंतरराष्ट्रीय मसलों पर शी चिनफिंग के संतुलनकारी कदम

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पांच वर्षों में जब पहली बार यूरोप की यात्रा की तो व्यापार और यूक्रेन के मुद्दे एजेंडे में शीर्ष पर जरूर रहे लेकिन इन दोनों ही मसलों पर किसी तरह की सहमति बनती नहीं नजर आई। अमेरिका और चीन के बीच बीते डेढ़ साल की थका देने वाली कूटनीति […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial- RBI का इरादा: बैंकिंग क्षेत्र के जोखिम से निपटना

क्रियान्वयन के अधीन परियोजनाओं के लिए अग्रिम राशि की प्रोविजनिंग से जुड़े मसौदा मानकों के कारण बैंकिंग क्षेत्र में तूफान आ गया है। जैसा कि इस समाचार पत्र में भी प्रकाशित हुआ था वाणिज्यिक बैंक भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर रियायत की मांग करने वाले हैं। सरकार भी प्रस्तावित मानकों का अध्ययन कर रही […]

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