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लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: उद्यमों को मिले नीतिगत समर्थन

सू क्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। सरकार ने जो आंकड़े दिए हैं उनके अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई के सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) की हिस्सेदारी वर्ष 2022-23 में बढ़कर 30.1 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो 2020-21 में 27.3 प्रतिशत दर्ज हुई थी। एमएसएमई क्षेत्र से […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: प्रदूषण नियंत्रण कोष का इस्तेमाल

भारत में वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण की गंभीर स्थिति लगातार पिछले कई वर्षों से वैश्विक सुर्खियों में रही है। इस कटु सत्य के बीच एक संसदीय समिति की रिपोर्ट ने चिंता और बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यावरण मंत्रालय ने वर्ष 2024-25 के लिए प्रदूषण नियंत्रण कोष के लिए […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: सेबी के कदम स्वागत योग्य

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए अध्यक्ष तुहित कांत पांडेय की अध्यक्षता में इसकी पहली बोर्ड बैठक में कुछ अहम कदम उठाए गए हैं। सोमवार की इस बैठक में सेबी बोर्ड के सदस्यों तथा अधिकारियों के हितों के टकराव से संबंधित प्रावधानों की समीक्षा शुरू करने का औपचारिक फैसला लिया है। यह पहल […]

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Editorial: जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चिंता

भारतीय रिजर्व बैंक के मार्च बुलेटिन में प्रकाशित एक अध्ययन में एक गंभीर चिंता जताई गई है, जो देश में वर्षा के वितरण में तेजी से आ रहे बदलाव और खाद्यान्न फसलों पर इसके असर से जुड़ी है। अध्ययन कहता है कि भारतीय कृषि अब भी काफी हद तक मॉनसून पर निर्भर है। आधुनिक सिंचाई […]

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Editorial: व्यापार से जुड़ी अनिश्चितता

डॉनल्ड ट्रंप को अमेरिका का राष्ट्रपति बने दो महीने से ज्यादा गुजर चुके हैं मगर अभी तक खुद अमेरिकी जनता और तमाम देश नहीं समझ पाए हैं कि ट्रंप की नीतियों के नतीजे क्या होंगे। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार जो आर्थिक अनुमान जारी किए […]

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Editorial: महामारी के सबक

पांच साल पहले 24 मार्च को ही केंद्र सरकार ने पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगा दिया था। नए कोरोनावायरस (कोविड-19) को फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था। उसके बाद के दो साल की यादें सार्वजनिक चर्चा से शायद धूमिल हो चुकी हैं। किंतु दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इस […]

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Editorial: विश्वास का कारोबार

बीते एक पखवाड़े में जो कुछ इंडसइंड बैंक में घटित हुआ उसने आंतरिक प्रबंधन और नियामकीय निगरानी से जुड़े कई सवाल खड़े किए हैं। पहला, बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उसके प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एमडी और सीईओ) सुमंत कठपालिया को केवल एक साल के लिए दोबारा […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: भ्रामक युद्ध विराम

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमला 30 दिन के लिए टाल दिया है, जिसकी सराहना होनी चाहिए क्योंकि तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में यह पहला कदम है। मगर यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों खास तौर पर बाल्टिक क्षेत्र और पूर्वी यूरोप के देशों […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: ‘ग्राहक प्रथम’ पर हो बैंकों का जोर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि बैंकों तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) जैसी विनियमित संस्थाओं को ग्राहक सेवा में सुधार करना होगा। यह बात उन्होंने रिजर्व बैंक लोकपाल के सालाना सम्मेलन में सोमवार को कही, जो ठीक ही है। रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना के तहत शिकायतों की […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: दुरुस्त हो सूर्य घर बिजली योजना

भारत में सौर ऊर्जा के अपेक्षाकृत कम उत्पादन और ताप बिजली पर अधिक निर्भरता देखकर पिछले वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का ऐलान किया गया। इसे बड़ी क्रांतिकारी योजना माना गया था। मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरों में सौर ऊर्जा आपूर्ति शुरू करने के मकसद वाली इस योजना के तहत […]

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