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लेखक : अमित कपूर

आज का अखबार, लेख

शहरों में भूजल की गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी

पानी कभी ठहरता नहीं.. रूप बदलता रहता है। बर्फ पिघलने से पानी बनता है, जो भाप बनकर उड़ जाता है और भाप इकट्ठी होकर एक बार फिर पानी की बूंदों में तब्दील हो जाती है। यह धरती पर तो रहता है मगर कभी एक रूप में ही नहीं रहता। प्रकृति के चक्र को देखें तो […]

आज का अखबार, लेख

आत्मनिर्भर बनें शहरी स्थानीय निकाय

नगर निकायों के वित्त पर भारतीय रिजर्व बैंक की हालिया रिपोर्ट बताती है कि 50 फीसदी से ज्यादा नगर निगम अपने बल पर आधे से भी कम राजस्व अर्जित कर पाते हैं और 2022-23 में सरकार से उन्हें मिलने वाली रकम 20 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गई। नगर निकायों को अधिक प्रशासनिक स्वायत्ता तथा […]

आज का अखबार, लेख

शहरों को तैयार करने की दूरदर्शी योजना बने

शहर सिर्फ इमारतों का एक समूह नहीं है। शहर वास्तव में सामाजिक व्यवस्थाओं, सेवाओं, इमारतों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का गतिशील नेटवर्क होता है। शहर विभिन्न स्वरूपों और काम वाली जगह होती है जो लोगों को विविध अवसर मुहैया कराती है। इससे शहरीकरण की रफ्तार बढ़ती है और कई तरह की चुनौतियां सामने आती हैं […]

आज का अखबार, लेख

अवैध निर्माण के नुकसान और तकनीकी इलाज

किसी भी शहर में आपको ऐसा हिस्सा जरूर दिख जाएगा, जो बुनियादी विकास की बाट जोह रहा होता है। ऐसे इलाकों में अक्सर पुराने मकान, फुटपाथ और सड़कों के किनारे एक के बाद एक दुकानें दिख जाते हैं जिनसे यातायात बाधित होता रहता है। बिजली के खंभों से झूलते तार और इमारतों के नीचे तहखाने […]

आज का अखबार, लेख

बाढ़ और जल संकट की चेतावनी: नदियों का संरक्षण आर्थिक स्थिरता के लिए जरूरी

पर्यावरण संरक्षण और शहरी विकास के बीच विरोधाभास पर न जाने कितनी बार बहस हो चुकी है। अक्सर ऐसी बहसों और चर्चाओं का अंत प्रकृति और मानव के बीच सामंजस्य बनाए रखने पर जोर देने वाले भाषणों के साथ होता है। लेकिन जलवायु परिवर्तन से जुड़े संकट गहराने के बाद ये बहसें हमें आगाह करने […]

आज का अखबार, लेख

बजट में शहरीकरण की योजना पर जोर मगर 2047 तक विकसित भारत के लिए उठाने होंगे कई कदम

भारत में शहरीकरण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है और वर्तमान में देश की 35 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरों में रहती है और ऐसी उम्मीद है कि वर्ष 2050 तक 50 प्रतिशत और क्षेत्रों के शहरीकरण की उम्मीद है। शहरी विकास पर सरकारों द्वारा जोर दिए जाने के लिए इससे बेहतर कोई समय […]

आज का अखबार, लेख

बजट में शहरीकरण की योजना: शहरी विकास पर सरकारों के जोर का सबसे बेहतरीन समय, तय करनी होगी कई जिम्मेदारियां

भारत में शहरीकरण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। अभी देश की 35 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरों में रहती है और अनुमान है कि 2050 तक 50 प्रतिशत आबादी शहरों में रहने लगेगी। शहरी विकास पर सरकारों के जोर का इससे बेहतर समय और क्या हो सकता था। आर्थिक समीक्षा और बजट में […]

आज का अखबार, लेख

आपदा से बचाव के लिए शहरों को मिले सुरक्षा

हाल में दिल्ली हवाईअड्डे पर बारिश के कारण गिरे हुए खंभे के नीचे दबे हुए मृत व्यक्ति की तस्वीर सुर्खियों में रही। इसी दौरान बारिश के कारण देश में कई अहम आधारभूत ढांचे क्षतिग्रस्त होने के साथ ही लोगों के जानमाल के नुकसान से जुड़ी कई घटनाएं देखी गईं। इस तरह की घटनाओं से यह […]

आज का अखबार, लेख

शहरों में बढ़ती गर्मी और क्या हो इसका समाधान

भारत भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। विशेषकर, मई ने कहर बरपाया और तापमान इतना बढ़ गया कि पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड टूट गए और पिछले रिकॉर्ड की तुलना में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। अल नीनो प्रभाव से बेकाबू हो रहे जलवायु संकट के कारण पारा लगातार चढ़ता ही […]

आज का अखबार, संपादकीय

बढ़ती आबादी में यातायात का क्या हो समाधान…

कई बार हमें यह सोचकर हैरानी होती है, ‘क्या हमारे शहर वाकई तैयार हैं?’ यह सवाल हमारे ऊपर बेहद भारी पड़ता है क्योंकि हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है और संसाधन कम होते जा रहे हैं। ऐसे में हमारे शहर भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार नहीं रह पाते हैं। हम शहरी जीवन को […]

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