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लेखक : आदिति फडणीस

आज का अखबार, लेख

सियासी हलचल: पंजाब में खोई जमीन वापस पाने की जुगत में अकाली

प्रदूषक तत्त्वों से भरी हवा आमतौर पर पंजाब से दिल्ली की दिशा में बहती है। इस बार दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे आंसू गैस के गोले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उन लोगों की सोच और नजर को धुंधला कर सकते हैं जो पंजाब में पार्टी और शिरोमणि अकाली […]

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सियासी हलचल: क्या राजनीतिक अस्तित्व को बचा पाएंगे पवार!

शरद पवार ने जिस घर को खून, पसीने और मेहनत से तैयार किया था वह एक वाक्य के साथ एक झटके में धराशायी हो गया। पिछले हफ्ते भारत के निर्वाचन आयोग का यह आदेश अप्रत्याशित नहीं था कि याची अजित अनंतराव पवार के नेतृत्व वाला गुट ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है और वह इसका […]

आज का अखबार, बिहार व झारखण्ड, भारत, राजनीति

सुर्खियों में: ताकतवर हुआ कोल्हान टाइगर चंपाई सोरेन

‘जंगल, पहाड़, वन और झरने झारखंड की पहचान रहे हैं। यहां नेताओं को भी इन्हीं विशेषताओं के साथ जोड़कर देखा जाता है। चंपाई सोरेन को कोल्हान का टाइगर कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें यूं ही नहीं दी गई। यह झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के उस कर्मठ कार्यकर्ता को सच्चा सम्मान है, जिसने झारखंड को […]

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सियासी हलचल: नीतीश के फैसले से भाजपा के दांव अब मजबूत!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह जो कदम उठाए, उनको लेकर नागरिक समाज में चिंता है। उनके इस फैसले पर रोष जताने के साथ ही उन पर उंगलियां भी उठाई जा रही हैं। इन सारी आलोचना का केंद्र नीतीश कुमार हैं। किसी को नहीं लगता कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी उतना […]

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सियासी हलचल: अंतरिम बजट के जरिये चुनाव प्रचार अभियान!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े संगठन वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट से ठीक पहले कई उपायों की वकालत कर रहे हैं। इनमें पांच दिन बैंकिंग सप्ताह, महिला किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की राशि दोगुनी कर 12,000 रुपये वार्षिक करने, बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों के लिए पेंशन […]

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सियासी हलचल: आंध्र प्रदेश में त्रिकोणीय राजनीति की दिशा?

ऐसे समय में जब मिलिंद देवरा जैसे नामी-गिरामी नेता कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं तब नए लोगों का इस पार्टी से जुड़ना हैरानी की बात होने के साथ ही जश्न का मामला भी होना चाहिए। ऐसा इसलिए कि वाईएस शर्मिला ने अपनी पार्टी का आखिरकार कांग्रेस में विलय कर दिया है। शर्मिला ने कर्नाटक कांग्रेस […]

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Mizoram: अर्थव्यवस्था बेहाल, लालदुहोमा कैसे करेंगे कमाल

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1974 बैच के पूर्व अधिकारी और मुख्यमंत्री लालदुहोमा के नेतृत्व में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेपीएम) को मिजोरम की सत्ता में आए हुए लगभग एक महीना हो गया है। हालांकि इतने कम वक्त में ही मिजोरम ने केंद्र सरकार के नेतृत्व के सामने कुछ बातें बिल्कुल साफ कर दी हैं। पहली […]

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सियासी हलचल: आबकारी नीति यूपी में निवेश के लिए कारगर?

उत्तर प्रदेश में गत सप्ताह योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल ने 2024-25 की आबकारी नीति को मंजूरी प्रदान की। पहली बार सरकार ने फ्रैंचाइज शुल्क की व्यवस्था की है ताकि वैश्विक ब्रांड उत्तर प्रदेश की स्थानीय डिस्टिलरीज के साथ सहयोग कर सकें और उनके बॉटलिंग संयंत्रों का इस्तेमाल कर सकें ताकि बिना नई डिस्टिलरी स्थापित करने […]

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सियासी हलचल: तेलंगाना…..चुनाव से आगे कांग्रेस की राह मुश्किल

चुनाव बीत जाने के बाद तमाम विश्लेषणों से परे और उनके ऊपर एक या दो ऐसे कारकों पर ध्यान देना आवश्यक है जिन्होंने चुनावी जीत में योगदान किया है। वाई एस शर्मिला जिन्होंने तेलंगाना में वाईएसआर कांग्रेस का अपना संस्करण पेश किया था, उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय इसलिए नहीं किया या उन्हें […]

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सियासी हलचल: केसीआर….राज्य और केंद्र की सीमित संभावनाएं

के. चंद्रशेखर राव (KCR) के लिए तेलगांना में राजनीतिक पुनरुत्थान उनकी सोच से कहीं अधिक कठिन हो सकता है। कल्याणकारी योजनाओं वाली राजनीति जो वर्ष 2018 में शानदार तरीके से कारगर रही, वह इस बार विफल हो गई। इस चुनावी हार के पीछे पहचान और आजीविका से जुड़े अधिक जटिल कारक थे। तेलंगाना-आंध्र प्रदेश के […]

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