घटना से नाराज उस इलाके के लोगों ने भाजपा नेता और पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सत्यपाल गोसाईं के नेतृत्व में आज अस्पताल के सामने धरना दिया और महिला को उसका बच्चा वापस करने की मांग की ।
गोसाईं ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने इस घटना के संबंध में लुधियाना पुलिस आयुक्त पी. एस. गिल को सूचित कर दिया है । इसके बाद आयुक्त ने संबंधित एसीपी को मामले की जांच करने और नवजात शिशु के डीएनए परीक्षण के आदेश दिए हैं ।
गोसाई ने कहा, जांच आवश्यक है क्योंकि यह एक रैकेट का हिस्सा लगता है, जहां अस्पतालों में नवजात लड़के को लड़की से बदल दिया जाता है ।
साहनेवाल की सुशीला देवी ने 30 सितंबर को अपने बच्चे को जन्म दिया था ।
सुशीला ने संवाददाताओं को बताया कि बेटा होने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें और परिवार वालों को बधाई दी थी ।
उन्होंने दावा किया कि शिशु के जन्म के घंटों बाद उसे बच्ची सौंपी गई । उसने विरोध भी किया लेकिन अस्पताल कर्मचारियों ने उसकी एक नहीं सुनी ।