उत्तरपूर्वी कांगो में खतरनाक इबोला विषाणु के फैलने से 31 लोग मारे गए हैं। यह पिछले हफ्ते मारे गए लोगों की संख्या की लगभग दोगुनी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि अब तक कुल 69 मामले सामने आए हैं। इनमें से नौ मामलों की पुष्टि प्रयोगशाला में हुई जांच में की गयी। प्रयोगशाला की जांच में पांच मौतों के पीछे इस विषाणु के होने की पुष्टि की गयी।
इबोला विषाणु लाइलाज है और 40 से 90 प्रतिशत मामलों में यह जानलेवा है। इस बीमारी की वजह से गंभीर आंतरिक रक्तस्राव होने लगता है।
डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता फदेला चैब ने संवाददाताओं से कहा, स्थिति गंभीर है।
अधिकारियों ने पिछले हफ्ते कहा था कि उत्तरपूर्वीर् कांगो में इबोला विषाणु से 15 लोगों की मौत हो गयी। यहां शवों को स्नान कराने और अंतिम संस्कार से पहले दर्शन के लिए रखने की प्रथा है जिसकी वजह से यह महामारी फैल रही है। इससे लोग शवों के पास आकर जानलेवा विषाणु की चपेट में आ रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ कांगो के स्वास्थ्य मंत्रालय और एक सहायता समूह के साथ मिलकर लोगों में इसे लेकर जागरूकता फैला रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने इस महामारी से लड़ने के लिए 20 लाख अमेरिकी डॉलर के राहत कोष के निर्माण का अपील की है।
एपी