टीसीएस (TCS) ने भले ही बुधवार को अपने अब तक के सबसे बड़े अधिग्रहणों में से एक की घोषणा की हो, लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया नरम ही रही। जहां विश्लेषकों ने इस सौदे को महंगा माना, वहीं कई लोग इस बात से सहमत थे कि एआई संचालित विकास टीसीएस को अपनी विलय-अधिग्रहण रणनीति में और ज्यादा आक्रामक होने के लिए प्रेरित कर रहा है।
देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी ने 70 करोड़ डॉलर के पूरी तरह नकद सौदे में अमेरिका की कोस्टल क्लाउड के अधिग्रहण का ऐलान किया। टीसीएस ने ऐसा पिछला अधिग्रहण साल 2008 में किया था, जब उसने सिटीग्रुप की आंतरिक बीपीओ शाखा सिटीग्रुप ग्लोबल सर्विसेज का 50.5 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण किया था।
गुरुवार को टीसीएस का शेयर 3,206 रुपये प्रति शेयर पर खुला, जो मामूली रूप से 0.56 प्रतिशत ऊपर था। शेयर 3,191.6 रुपये के स्तर पर बंद हुआ, जो पिछले दिन के 3,188.15 रुपये प्रति शेयर के बंद भाव से मामूली रूप से ऊपर रहा।
टीसीएस ने उद्यम कौशल परिवर्तन में विशेषज्ञता रखने वाली सेल्सफोर्स की परामर्श कंपनी कोस्टल क्लाउड के अधिग्रहण की घोषणा की। टीसीएस पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि यह अधिग्रहण महंगा है। शेयर बाजार का दी गई सूचना के अनुसार वित्त वर्ष 24 के दौरान कोस्टल क्लाउड का समेकित राजस्व 13.2 करोड़ डॉलर था और पिछले 12 महीनों के दौरान 14.1 कराड़ डॉलर रहा। यह अधिग्रहण टीसीएस को अमेरिका में सेल्सफोर्स के 400 सर्टिफाइड कर्मियों तक पहुंच प्रदान करता है।
एक विश्लेषक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘उन्होंने इस परिसंपत्ति के लिए जो कीमत चुकाई है, वह उनके प्रतिस्पर्धियों द्वारा अतीत में सेल्सफोर्स की परामर्श क्षमताओं के लिए चुकाई गई कीमत से ज्यादा लगती है। लेकिन हमें यह समझने की जरूरत है कि वे और कौन सी अतिरिक्त क्षमताएं हासिल कर रहे हैं।’
कोस्टल क्लाउड सेल्सफोर्स की क्षमता हासिल करने पर केंद्रित टीसीएस का दूसरा अधिग्रहण होगा।
पारीख जैन कंसल्टिंग और ईआरआईआईटी के संस्थापक पारीख जैन ने कहा, ‘ग्राहक संबंध प्रबंधन (सीआरएम) डेटा बहुत महत्वपूर्ण होता है, खास तौर एआई की दुनिया में, जहां किसी भी परिवर्तनकारी बदलाव के लिए डेटा तक पहुंच महत्वपूर्ण होती है। ये दोनों अधिग्रहण टीसीएस को ऐसे सौदों तक महत्वपूर्ण पहुंच प्रदान करेंगे।’