भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों के बीच डिजिटल सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक जरिया (प्लेटफॉर्म) तैयार कर रहा है। इस प्लेटफॉर्म की मदद से कर्जदाता संस्थानों के लिए झंझट मुक्त ऋण का आवंटन करना आसान हो जाएगा। एक प्रयोग के रूप में ‘पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फ्रिक्शनलेस क्रेडिट’ (पीटीपीएफसी) नाम से इस व्यवस्था की शुरुआत पिछले साल 17 अगस्त को हुई थी।
यह प्लेटफॉर्म ‘प्लग ऐंड प्ले’ (तत्काल उपयोग के लिए तैयार) प्रारूप पर काम करेगा। आरबीआई के अनुसार इस प्रारूप में एक मुक्त ढांचा, मुक्त ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) एवं मानक होंगे जिनसे वित्तीय क्षेत्र की सभी इकाइयां जुड़ पाएंगी।
यह प्लेटफॉर्म कुछ इस तरह काम करेगा कि कर्जदाता संस्थान और स्टार्टअप इकाइयां इस प्लेटफॉर्म पर आकर विभिन्न तरह की जानकारियां हासिल कर पाएंगी और ऋण आवंटन से जुड़े मसलों का समाधान कर पाएंगी। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से दुग्ध क्षेत्र को आवंटित होने वाले ऋण, गिरवी मुक्त सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) ऋण, व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन), आवास ऋण आदि उपलब्ध होंगे। इन ऋणों के अलावा यह प्लेटफॉर्म प्रति ग्राहक 1,60,000 लाख रुपये तक के किसान क्रेडिट कार्ड ऋण आवंटन पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इस प्लेटफॉर्म पर ऋण आवंटन के लिए जरूरी जानकारियां मौजूद होंगी। मसलन, इस पर आधार ई-केवाईसी, आधार ई-साइनिंग एवं पैन सत्यापन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अकाउंट एग्रीगेटर (एए) द्वारा जुटाए गए खाते भी मौजूद रहेंगे।
यह प्लेटफॉर्म फिलहाल प्रयोग के तौर पर आजमाया जा रहा है। इस पर मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश के भूमि से जुड़े आंकड़े उपलब्ध हैं। इनके अलावा मकान या जायदाद की खोज से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। दुग्ध व्यवसाय के लिए ऋण के मामले में कुछ खास सहकारी समितियों से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध हैं।
आरबीआई ने 14 अगस्त, 2023 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘डिजिटल माध्यम से ऋण आवंटित करने के लिए कुछ जानकारियों की जरूरत होती है। ये जानकारियां ग्राहकों के साख मूल्यांकन के लिए जरूरी होती हैं और केंद्र एवं राज्य सरकारों, अकाउंटट एग्रीगेटर, बैंक, क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों, डिजिटल पहचान प्राधिकरणों आदि के पास उपलब्ध हैं।
मगर ये एक जगह उपलब्ध नहीं हैं जिससे नियम-कायदों के अनुसार निर्बाध एवं समय पर ऋण आवंटन में मुश्किलें पेश आती हैं। केंद्रीय बैंक लागत कम करने, त्वरित आवंटन और ऋण सुविधाओं का दायरा बढ़ाने के लिहाज से ऋण आवंटन प्रक्रिया मजबूत करना चाहता है।‘
वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों का कहना है कि इस प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से लागत कम हो सकती है और कर्जदाताओं को आसान दरों पर ऋण आवंटित करने में भी आसानी होती है।
क्रेडिट फेयर के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी आदित्य दमानी कहते हैं, ‘आरबीआई पीटीपीएफसी के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहा है। इस व्यवस्था के माध्यम से ऋण आवंटन की पूरी प्रक्रिया तकनीक की मदद से होगी, इसलिए किसी कर्जदाता के लिए उधारी पर लागत काफी कम हो सकती है। आरबीआई ऋण आवंटन में तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष जोर दे रहा है।’
आरबीआई की पूर्ण नियंत्रित इकाई रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) पीटीपीएफसी तैयार कर रहा है।