टाटा संस (tata sons investment in britain) ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक बैटरी बनाने के कारखाने में 4 अरब पाउंड (करीब 5.2 अरब डॉलर) का निवेश करेगी। टाटा समूह ने आज इसकी घोषणा करते हुए बताया कि कारखाने में सालाना 40 गीगावॉट सेल बनाए जाएंगे।
इलेक्ट्रिक बैटरी के लिए भारत के बाहर यह टाटा की पहली गीगाफैक्टरी होगी और ब्रिटेन के वाहन क्षेत्र में यह अब तक के सबसे बड़े निवेश में शुमार होगा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि इस निवेश से ब्रिटेन के लोगों को रोजगार के हजारों अवसर मिलेंगे तथा इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के मामले में देश और भी आगे बढ़ेगा। जगुआर लैंडरोवर और टाटा मोटर्स इस कारखाने के प्रमुख ग्राहक होंगे और यहां से उत्पादन 2026 में शुरू होने की उम्मीद है।
फिलहाल यह नहीं बताया गया कि स्पेन के बजाय अपने यहां यह निवेश हासिल करने के लिए ब्रिटेन सरकार ने टाटा समूह को कितनी वित्तीय मदद देने का वादा किया है। स्पेन भी टाटा समूह की यह परियोजना अपने यहां लगवाने की कोशिश कर रहा था। इधर बीबीसी ने कहा है कि ब्रिटेन सरकार से टाटा को करोड़ों पाउंड की सब्सिडी मिलेगी।
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने खबर दी है कि संयंत्र ब्रिटेन में लगाने के लिए मनाने के वास्ते टाटा को सरकारी खजाने से 50 करोड़ पाउंड तक की सब्सिडी की पेशकश की गई। अखबार के मुताबिक टाटा समूह पोर्ट टालबोट में अपने इस्पात संयंत्र के लिए भी करीब 30 करोड़ पाउंड
चाहता है। खबरों के अनुसार टाटा स्टील ने टालबोट संयंत्र में डीकार्बनाइजेशन के अपने संयंत्र के लिए वित्तीय मदद मांगी थी।
ब्रिटेन के कारोबार एवं व्यापार विभाग ने एक बयान में कहा, ‘टाटा संस को मिलने वाली सरकारी मदद का ब्योरा हमारी नियमित पारदर्शिता जानकारी के तहत सही समय पर दे दी जाएगी।’
ब्रिटेन में टाटा समूह की कई कंपनियां करती हैं काम
इस खबर के बाद आज टाटा मोटर्स का शेर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 1.35 फीसदी बढ़त के साथ 620.45 रुपये पर बंद हुआ। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा समूह ब्रिटेन में बैटरी बनाने का एक कारखाना लगाएगा, जो यूरोप के सबसे बड़े बैटरी कारखानों में शामिल होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे अरबों पाउंड के निवेश से देश में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी आएगी। इससे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने की वाहन क्षेत्र की रफ्तार तेज करने में मदद मिलेगी।’
ब्रिटेन में प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता, आतिथ्य, इस्पात, रसायन और वाहन जैसे तमाम उद्योगों में टाटा समूह की कई कंपनियां काम करती हैं।
कारोबार एवं व्यापार विभाग ने एक बयान में कहा, ‘40 गीगावॉट की यह फैक्टरी यूरोप में सबसे बड़े कारखानों में से एक होगी। यह उच्च कौशल वाले 4,000 रोजगार उत्पन्न करेगी। इसके अलावा बड़ी आपूर्ति श्रृंखला में हजारों लोगों को रोजगार मिलेंगे। इससे देश की आर्थिक वृद्धि तेज होगी और शून्य कार्बन उत्सर्जन का अपना संकप्ल पूरा करने में ब्रिटेन को मदद मिलेगी।’
टाटा समूह ने कहा कि प्रस्तावित संयंत्र से उत्पादन 2026 में शुरू होगा और गीगाफैक्टरी 100 फीसदी स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करेगी। वहां बैटरी रीसाइक्लिंग एवं दोबारा उपयोग के लिए व्यवस्था तैयार की जाएगी।
ऑडी की 2033 तक और वॉल्वो 2030 तक 100 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की योजना
अप्रैल में जेएलआर के मुख्य कार्याधिकारी एड्रियन मार्डेल ने कहा था कि टाटा समूह की नई गीगाफैक्टरी यूरोप में होगी। मगर जून में समूह ने करीब 13,000 करोड़ रुपये के निवेश से लीथियम आयन बैटरी संयत्र स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ समझौता कर लिया।
जेएलआर 2030 तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक लक्जरी कार बनाने वाली पहली कंपनी बनना चाहती है। ऑडी 2033 तक और वॉल्वो 2030 तक 100 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की योजना पर काम कर रही हैं। मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू की नजर 2030 तक 50 फीसदी इलेक्ट्रिक तकनीक वाला वाहन उतारने पर है। वेंचरा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा कि जेएलआर 2030 तक 60 फीसदी और 2036 तक सौ फीसदी बिक्री इलेक्ट्रिक वाहनों से चाहती है।