भारत की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बिक्री साल 2023 में नौ महीनों से भी कम वक्त में 10 लाख का आंकड़ा पार कर गई। इस बिक्री में तमिलनाडु के विनिर्माण सुविधाओं वाले मूल उपकरण विनिर्माताओं (OEM) का 40 फीसदी से अधिक का योगदान रहा।
तमिलनाडु की तीन कंपनियों ने 4,10,000 से अधिक गाड़ियां बेचीं। इसमें ओला इलेक्ट्रिक, टीवीएस मोटर, एथर एनर्जी और एम्पीयर व्हीकल्स जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
प्रदेश सरकार के अनुसार यह अभी और बढ़ेगा क्योंकि सरकार को साल 2025 तक ईवी विनिर्माण में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। इससे 1.5 लाख नौकरियां भी पैदा होंगी।
एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘ईवी क्षेत्र फोकस क्षेत्र बनने के लिए तैयार है। यह सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में क्रांति का मार्ग प्रशस्त करेगा।’
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन डैशबोर्ड के अनुसार, क्षेत्रीय परिवाहन कार्यालयों ने इस साल 20 सितंबर तक 10,44,600 ईवी का पंजीकरण किया था। इनमें से तमिलनाडु में 4,14,802 वाहनों का उत्पादन हुआ था। यह उपलब्धि नौ महीनों में ही हासिल कर ली गई जबकि कैलेंडर वर्ष 2022 में पूरे साल 10,54,00 ईवी की बिक्री हुई थी।
खास बात है कि शीर्ष तीन कंपनियां तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले की हैं, जिसे भारत की ईवी राजधानी कहा जाता है। ओला इलेक्ट्रिक ने 1,75,608 गाड़ियां, टीवीएस मोटर ने करीब 1,12,949 गाड़ियां और एथर एनर्जी ने करीब 77,764 गाड़ियों की बिक्री की। सोमवार तक वाहन पोर्टल पर बिक्री संख्या बढ़कर 10,63,812 हो गईं।
अन्य प्रमुख कंपनियों में रानीपेट की एम्पीयर व्हीकल्स (ग्रीव्स इलेक्ट्रिक) ने 41,757 गाड़ियां बेचीं। कांचीपुरम की बीवाईडी इंडिया ने 1,725, तिरुवल्लुवर की स्टेलेंटिस (पीसीए ऑटोमोबाइल्स) ने 1,533, कोयंबत्तूर की ई-रॉयस मोटर्स ने 1,242, कांचीपुरम की ह्युंडै मोटर इंडिया ने 1,023, चेंगलपट्टू की रीप मोटर्स ने 810 गाड़ियां और तिरुवल्लुवर की ही टीआई क्लीन मोबिलिटी ने 391 गाड़ियों की बिक्री की।
भारत की वाहन राजधानी और शीर्ष 10 वैश्विक वाहन केंद्रों में से एक के रूप में ख्यात तमिलनाडु अब दुनिया की ईवी राजधानी बनने पर ध्यान दे रही है। बयान में कहा गया है कि तमिलनाडु में पहले से ही समृद्ध वाहन विनिर्माण परिवेश के साथ सरकार की दूरदर्शिता के कारण साल 2023 में प्रदेश में ईवी नीति की शुरुआत हुई।
कोयंबत्तूर, तिरुचिरापल्ली, मदुरै, सेलम और चेन्नई जैसे तमिलनाडु के शहरों को ईवी हब के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र को सहायता देने वाले कुछ प्राकृतिक लाभों में अत्यधिक सक्षम, प्रशिक्षित कार्यबल की विशाल उपलब्धता, एक उत्कृष्ट नेटवर्क और सहायक आपूर्तिकर्ताओं की आपूर्ति श्रृंखला, वाहन और कलपुर्जा विनिर्माण परिवेश और तमिलनाडु के उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक प्रणाली शामिल हैं।
ईवी क्षेत्र की वृद्धि में तमिलनाडु इलेक्ट्रिक वाहन नीति, 2023 का भी योगदान है। इस नीति का लक्ष्य ईवी परिवेश को बढ़ावा देना, ईवी कल पुर्जों, खासकर सेल प्रौद्योगिकियों, बैटरी और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को और अधिक सुविधाजनक बनाना है।