केंद्र सरकार ने देश में वित्तीय धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर अपराध निरोधक इकाई-आई4सी में अभी तक पंजीकृत नहीं होने वाले वित्तीय संस्थानों को जल्द से जल्द इसमें शामिल होने के लिए कहा है।
इसके साथ ही उन्हें धोखाधड़ी प्रबंधन प्रणाली को मजबूत बनाने और वित्तीय धोखाधड़ी के बढ़ते मामले रोकने के लिए गहराई से जांच-परख करने के लिए कहा है।
विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठक के बाद वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव विवेक जोशी ने कहा, ‘800 वित्तीय संस्थानों में से अभी तक 259 संस्थानों ने ही आई4सी में पंजीकरण कराया है। बाकियों को शीघ्रता से पंजीकरण कराने के लिए कहा गया है। इस मसले पर अगली बैठक जनवरी में होगी।’
वित्तीय संस्थानों में रिटेल एवं वाणिज्यिक बैंक, इंटरनेट बैंक, क्रेडिट यूनियन, बचत एवं ऋण एसोसिएशन, निवेश बैंक और कंपनियां, ब्रोकरेज फर्में, बीमा कंपनियां तथा मॉर्गेज फर्में आदि शामिल हैं।
बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग, राजस्व विभाग, संचार एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
जोशी ने कहा कि आई4सी इस साल 600 करोड़ रुपये मूल्य की धोखाधड़ी रोकने में सफल रहा है, वहीं दूरसंचार नियामक ने साइबर धोखाधड़ी और संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े 3.5 लाख लोगों से संबंधित 70 लाख मोबाइल फोन कनेक्शन का पता लगाकर उसे ब्लॉक किया है।