केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सीमा पार अवैध व्यापार में बड़ी भूमिका निभाने वालों को पकड़ने के लिए ‘कार्रवाई योग्य’ जानकारी साझा करने और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए वैश्विक सीमा शुल्क अधिकारियों से सहयोग की मांग की है।
उन्होंने सुझाव दिया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस तरह के अवैध कारोबार के पीछे काम कर रहे लोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लग सकेगी, जिससे अर्थव्यवस्था व राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान होता है।
राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) द्वारा आयोजित प्रवर्तन मामलों में सहयोग पर वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीतारमण ने सोमवार को कहा, ‘मैं विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ) के साथ अंतर-सरकार सहयोग पर काफी जोर देती हूं। इससे हम स्थानीय अधिकारियों तथा सरकारों की मदद से तस्करी के पीछे मुख्य षड्यंत्रकर्ता या मास्टरमाइंड तक पहुंच सकते हैं।’
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 50-60 साल में तस्करी या अवैध तरीके से वस्तुओं के व्यापार की प्रकृति में बदलाव नहीं आया है। अब भी बहुमूल्य धातु, नशीले पदार्थ, जंगल या समुद्र से निकले कीमती भंडार की ही तस्करी होती है।
उन्होंने कहा, ‘ऐसे में मोटे तौर पर तस्करी वाली वस्तुएं कमोबेश पहले की तरह ही हैं। कोई ऐसा नया क्षेत्र नहीं है जिन पर सीमा शुल्क अधिकारियों को हैरानी हो। यदि यह काफी पहले से चल रहा है, तो अब हमें इस बारे में काफी जानकारी हो जानी चाहिए इसके पीछे कौन ताकतें हैं।’
बड़े अपराधियों को पकड़ नहीं पा रहे हैं अधिकारी
सीतारमण ने कहा, ‘सभी सरकारों के लिए यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि तस्करी की उन गतिविधियों को कैसे रोका जाए, जो हमारी जंगली वनस्पतियों और जीवों को खतरे में डाल रही हैं। तस्करी करने वाले लोगों की सोच है कि हम सिर्फ छोटे-मोटे अपराधियों को पकड़ रहे हैं। पुलिस या सीमा शुल्क अधिकारी बड़े अपराधियों को पकड़ नहीं पा रहे हैं।’
आंकड़ों को साझा करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बदलते परिदृश्य में कोई भी आंकड़ों को साझा करने को लेकर उपेक्षा नहीं कर सकता है। यह अब केवल सूचना नहीं है बल्कि यह अनुमान लगाने, बचाव व सुरक्षा की ताकत है।
इस कार्यक्रम में भारत के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और राजस्व खुफिया निदेशालय और तस्करी रोधी एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
सीबीआईसी के प्रमुख संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि व्यापार बढ़ने के साथ वैश्विक व्यापार में एक दूसरे से जुड़ाव जारी है और ऐसे में प्रतिबंधित सामान जैसे प्राचीन दुर्लभ वस्तुओं, सिगरेट, सोना और विलुप्त होने जंगली जीव सहित अन्य चीजों की तस्करी की संभावना बढ़ रही है, साथ ही मादक पदार्थों का कारोबार भी बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘मादक पदार्थों का वैश्विक कारोबार 650 अरब डॉलर तक का होने का अनुमान है, जिसकी कुल अवैध अर्थव्यवस्था में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।’ राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि तस्करी के खतरे का समाधान करना महत्त्वपूर्ण है, उसके साथ हमें व्यवसाय के अनुकूल उपाय भी पेश करने की जरूरत है, जिससे लागत कम हो।