रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की रिटेल इकाई रिलायंस रिटेल (Reliance Retail Value) का मूल्य अब उसके दशकों पुराने और आकर्षक ‘तेल-रसायन’ (ओ2सी) खंड के मुकाबले लगभग दोगुना हो गया है।
समूह के संबंध में बर्नस्टीन की नवीनतम रिपोर्ट में इसके खुदरा कारोबार के लिए 112 अरब डॉलर के मूल्यांकन का अनुमान जताया गया है, जो इसके ओ2सी खंड के 57 अरब डॉलर के मूल्यांकन को बौना साबित कर रहा है। इसके अलावा अनुसंधान फर्म ने कंपनी की ई-कॉमर्स शाखा जियोमार्ट प्लेटफॉर्म्स का मूल्य 77 अरब डॉलर और अक्षय ऊर्जा कारोबार का मूल्य 17 अरब डॉलर आंका है।
रिपोर्ट में खुदरा कारोबार के लिए कई अवसरों की पहचान की गई है, जिसमें जियोमार्ट और नए वाणिज्य का विस्तार, स्थानीय किराना स्टोरों के साथ साझेदारी, मार्जिन विस्तार और रिलायंस रिटेल का प्रत्याशित प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) शामिल है।
ब्रोकरेज ने कहा कि रिलायंस सभी खंडों में नई संभावना तलाश रही है। आरआईएल ने शेयर पुनर्खरीद के जरिये रिलायंस रिटेल (आरआर) में अल्पांश शेयरधारक खरीद लिए। इसमें उन रिपोर्टों की ओर भी इशारा किया गया है कि किसी नए निवेशक द्वारा आरआईएल की खुदरा शाखा में 100 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर एक प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की उम्मीद है।
आरआरवी ने वर्ष 2020 में वित्तीय निवेशकों को 55 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर बेची थी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी
रिलायंस रिटेल वेंचर्स (आरआरवी) ने वर्ष 2020 में वित्तीय निवेशकों को 55 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। तब से खुदरा शाखा का मूल्यांकन लगभग दोगुना हो चुका है।
बर्नस्टीन को यह भी उम्मीद है कि रिलायंस का एबिटा वित्त वर्ष 23 के 1.5 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 27 में 2.4 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। मुख्य रूप से डिजिटल रिटेल और नई ऊर्जा में वृद्धि की बदौलत ऐसा होने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि ओ2सी की आय स्थिर रहेगी। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 27 तक खुदरा एबिटा मिश्रण 17 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा, जो (कुल 13 प्रतिशत सीएजीआर की तुलना में) 21 प्रतिशत की एबिटा सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से बढ़ रहा है।