भारी उद्योग मंत्रालय को एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) विनिर्माण उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत 10 गीगावॉट की दुबारा निविदा में सात कंपनियों की बोलियां मिली हैं।
मंत्रालय ने मंगलवार को अपने बयान में कहा, ’70 गीगावॉट की क्षमता के लिए जारी निविदा में शामिल बोलीदाताओं में एक्मे क्लीनटेक सॉल्यूशंस, अमर राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज, अन्वी पावर इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और वारी एनर्जीज हैं।
मंत्रालय ने कहा कि जनवरी में विनिर्माण इकाई के लिए पुनर्नीलामी की घोषणा के बाद 12 फरवरी को बोली पूर्व बैठक आयोजित की गई थी। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि सोमवार तक थी और तकनीकी बोलियां मंगलवार को खोली गईं।
एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल पीएलआई बोली का पहला दौर मार्च 2022 में पूरा हुआ था और तीन कंपनियों को 30 गीगावॉट की कुल क्षमता दी गई थी। साथ ही चयनित कंपनियों के साथ जुलाई 2022 में करार पर हस्ताक्षर हुए थे।
लक्षित क्षमता नीलामी 50 गीगावॉट में से 30 गीगावॉट को 2022 में दिया गया। शेष 20 गीगावॉट में से 10 गीगावॉट क्षमता के लिए अधिकतम बजटीय आवंटन 3,620 करोड़ रुपये है। ह्युंडै ग्लोबल मोटर्स के बाहर निकलने के बाद 20 गीगावॉट को फिर नीलाम किया जाना है।
चार में से एक बोलीदाता ह्युंडै ग्लोबल मोटर्स के साथ विवाद होने के बाद 10 गीगावॉट क्षमता की फिर से नीलामी करनी पड़ी। कंपनी को 20 गीगावॉट क्षमता दी गई थी, लेकिन दक्षिण कोरिया की वाहन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने अगस्त 2022 में एक सार्वजनिक बयान जारी कर कहा था कि ह्युंडै ग्लोबल मोटर्स के साथ उसका कोई संबंध नहीं है और न ही कंपनी ह्युंडै का ट्रेडमार्क और लोगो का उपयोग करने के लिए अधिकृत है। इसके बाद कंपनी को इससे पीछे हटना पड़ा था।
नीलामी हासिल करने वाली चार कंपनियों में से राजेश एक्सपोर्ट्स को 5 गीगावॉट क्षमता दी गई थी। उसके बाद ह्युंडै ग्लोबल मोटर्स (जिसे बाद में रद्द कर दिया गया) को 20 गीगावॉट क्षमता दी गई थी।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता ओला इलेक्ट्रिक को 20 गीगावॉट क्षमता दी गई थी और चौथी कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोल थी, जिसने 20 गीगावॉट के लिए रुचि व्यक्त की थी, लेकिन कंपनी को केवल 5 गीगावॉट क्षमता ही दी गई। मंत्रालय के बयान के मुताबिक समूह अब 10 गीगावॉट और अधिक की क्षमता के लिए फिर से इच्छुक है।
एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल उच्च क्षमता और उच्च दक्षता वाली इलेक्ट्रोकेमिकल ऊर्जा भंडारण बैटरी है और इलेक्ट्रॉनिक्स, ई-वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसी बैटरी भंडारण जरूरत वाले उद्योगों के लिए महत्त्वपूर्ण है। मई 2021 ने कैबिनेट ने 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 50 गीगावॉट एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल की विनिर्माण क्षमता हासिल करने के लिए बैटरी स्टोरेज की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी।
बैटरी पीएलआई उन कई क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रोत्साहन योजनाओं में से एक है जहां भारत के पास मजबूत आपूर्ति श्रृंखला नहीं है।