facebookmetapixel
Editorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौतीस्लैब और रेट कट के बाद, जीएसटी में सुधार की अब आगे की राहइक्विटी म्युचुअल फंड्स में इनफ्लो 22% घटा, पांच महीने में पहली बार SIP निवेश घटाGST मिनी बजट, लार्जकैप के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप में जो​खिम: शंकरन नरेनAIF को मिलेगी को-इन्वेस्टमेंट योजना की सुविधा, अलग PMS लाइसेंस की जरूरत खत्मसेबी की नॉन-इंडेक्स डेरिवेटिव योजना को फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन का मिला समर्थनभारत की चीन को टक्कर देने की Rare Earth योजनानेपाल में हिंसा और तख्तापलट! यूपी-नेपाल बॉर्डर पर ट्रकों की लंबी लाइन, पर्यटक फंसे; योगी ने जारी किया अलर्टExpanding Cities: बढ़ रहा है शहरों का दायरा, 30 साल में टॉप-8 सिटी में निर्मित क्षेत्रफल बढ़कर हुआ दोगुना

PMI Services: सर्विस सेक्टर की ग्रोथ की रफ्तार अप्रैल के दौरान घटी लेकिन मजबूती कायम

एचएसबीसी के पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) का आंकड़ा अप्रैल में गिरकर 60.8 हो गया जबकि यह मार्च में 61.2 दर्ज किया गया था।

Last Updated- May 06, 2024 | 10:22 PM IST
Number of employees decreased in IT sector, productivity and profits increased आईटी सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या घटी, उत्पादकता और मुनाफे में आया उछाल

भारत के प्रमुख सेवा क्षेत्र की वृद्धि में अप्रैल के दौरान थोड़ी गिरावट आई लेकिन मजबूत मांग के कारण इसमें मजबूती कायम रही। यह जानकारी एक निजी कारोबारी सर्वेक्षण में सोमवार को दी गई।

एचएसबीसी के पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) का आंकड़ा अप्रैल में गिरकर 60.8 हो गया जबकि यह मार्च में 61.2 दर्ज किया गया था।

सूचकांक में 50 से अधिक अंक विस्तार या बढ़त का सूचक होता है जबकि इससे कम गिरावट का संकेत देता है। यानी सेवा क्षेत्र की रफ्तार भले ही कम हो गई है, लेकिन इसमें अच्छी वृदि्ध हुई है। अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2021 से जारी सूचकांक 33 माह से लगातार 50 अंक से ऊपर है।

सर्वेक्षण में उल्लेख किया गया कि जबरदस्त घरेलू मांग के अलावा विश्व के कई हिस्सों में नया कारोबारी मुनाफा बढ़ा। सितंबर 2014 के बाद से शुरू हुई इस सीरीज में अंतरराष्ट्रीय बिक्री में अप्रैल के बाद दूसरी बार सबसे तेज उछाल दर्ज हुआ है।

सर्वेक्षण में कहा गया, ‘सर्वे में शामिल सदस्यों ने उत्पादन में नवीनतम वृद्धि के लिए अनुकूल आर्थिक स्थितियों, मजबूत मांग और नए कारोबार के बढ़ने को वजह बताया।’ सर्वेक्षण में शामिल सभी चार उप श्रेणियों के कारोबार में इजाफा हुआ और इसमें वित्त व बीमा क्षेत्र में तेजी से इजाफा हुआ।

सर्वेक्षण के अनुसार, ‘सेवा कंपनियों ने दस साल के सीरीज इतिहास में नए निर्यात कारोबार में दूसरी बार सबसे तेजी से इजाफे का आकलन किया। इससे पहले मार्च में अधिक इजाफा देखने को मिला था। ऐसे साक्ष्य दिखते हैं कि एशिया, अफ्रीका, यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया के कई देशों से कारोबार में इजाफा हुआ है।

एचएसबीसी सेवा के सर्वेक्षण में करीब 400 कंपनियों ने हिस्सा लिया। ये कंपनियां यातायात, सूचना, संचार, वित्त, बीमा, रियल एस्टेट, गैर खुदरा उपभोक्ता और सेवा क्षेत्रों से थीं।

अप्रैल में समग्र पीएमआई आउटपुट सूचकांक गिरकर 61.5 पर आ गया, जबकि यह इसके पिछले महीने आठ माह के उच्च स्तर 61.8 पर था। समग्र पीएमआई की 23 अप्रैल को जारी शुरुआती रीडिंग 62.2 थी।

सर्वेक्षण में यह भी उल्लेख किया गया कि कंपनियों पर उच्च पारिश्रमिक देने का दबाव और बढ़ते खाद्य महंगाई के कारण लागत बढ़ गई। इसे कंपनियों ने बोझ आंशिक तौर पर ग्राहकों पर डाल दिया। हालांकि महंगाई मार्च की सात साल के उच्च स्तर से अप्रैल में थोड़ी नरम हुई है।

रोजगार के मोर्चे पर नए कारोबार की बढ़ती मांग के कारण भारत के कुछ सेवा प्रदाताओं ने नई नियुक्तियों पर जोर दिया। हालांकि कई कंपनियों ने संकेत दिया कि हालिया जरूरतों के लिए नौकरी पेशा लोगों की संख्या पर्याप्त थी। नई नौकरियों का सृजन बीते माह की तुलना में कुछ सुस्त था।

एचएसबीसी की भारत की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने बताया कि भारत की सेवा गतिविधियां अप्रैल में सुस्त गति से बढ़ी। इन सेवा गतिविधियों को नए ऑर्डरों के इजाफे और जबरदस्त घरेलू मांग से मदद मिली।

उन्होंने बताया, ‘नए निर्यात ऑर्डर की जबरदस्त मांग थी। इसमें मार्च की तुलना में कुछ सुस्ती दर्ज हुई। नए ऑर्डर बढ़ने के कारण कंपनियों ने स्टॉफिंग के स्तर का विस्तार किया लेकिन कर्मचारियों को नौकरी में रखने की दर में गिरावट आई। कंपनियों की लागत में तेजी से इजाफा हुआ लेकिन यह मार्च की तुलना में कम था। लागत बढ़ने के कारण कंपनियों के मार्जिन में गिरावट आई। इसका कारण यह था कि बड़ी हुई लागत का एक हिस्सा ही उपभोक्ताओं पर डाला गया था।’

First Published - May 6, 2024 | 10:05 PM IST

संबंधित पोस्ट