वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली डिजिटल भुगतान कंपनी फोनपे ने वित्तीय तकनीक (फिनटेक) स्टार्टअप जेस्टमनी के साथ अपना करार रद्द कर दिया है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि जांच पड़ताल से जुड़ी चिंताओं के कारण करार को टाला गया है।
सूत्रों के अनुसार, फोनपे, गोल्डमैन सैक्स और श्याओमी समर्थित जेस्टमनी का 15-20 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण करने के लिए तैयार थी। अन्य सूत्रों ने कहा कि फोनपे वास्तव में जेस्टमनी को लगभग 20 करोड़ डॉलर से 30 करोड़ डॉलर में खरीदने वाली थी लेकिन मूल्यांकन में अंतर था। उन्होंने कहा कि अन्य कारणों में वित्तीय तकनीक क्षेत्र की फंडिंग की कमी, कठिन नियामकीय माहौल और व्यापक तौर पर वृहदअर्थव्यवस्था से जुड़ी अनिश्चितता के बीच आई मंदी का माहौल शामिल है।
इस अधिग्रहण से फोनपे को अपनी कर्ज सेवाओं में मजबूती लाने और भारतीय फिनटेक में गूगल पे, पेटीएम और एमेजॉन पे के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलने की उम्मीद थी, जो 2026 तक 350 अरब डॉलर तक होने की उम्मीद है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘जेस्टमनी में जांच-पड़ताल करीब 10 सप्ताह तक की गई। इसका एक बड़ा मजबूत कारोबार है। उनके पास कई निवेशक और कई ग्राहक के साथ ही लोन बुक भई है। हर चीज की ठीक से जांच की जानी थी और उनके कारोबार के कुछ हिस्से फोनपे की जांच के मानकों को पूरा नहीं करते थे। इसी वजह से यह करार टल गया।’ फोनपे और जेस्टमनी से जब नए घटनाक्रम पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उनका कोई जवाब नहीं आया। स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच, दुनिया के सबसे
सस्ते डेटा प्लान और ऑनलाइन खरीदारी में तेजी के साथ ही ने देश में बाद में भुगतान करने की मांग बढ़ी है।
बेंगलूरु की इस कंपनी में लगभग 400 कर्मचारी हैं। यदि अधिग्रहण हो जाता तब उन सभी को फोनपे अपने साथ जोड़ सकती थी।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि जेस्टमनी, फोनपे के लिए एक अच्छा अधिग्रहण लक्ष्य था क्योंकि यह उन चुनिंदा कंपनियों में से एक है जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कर्ज दिशानिर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन करती है।