पीएनबी फाइनैंस ऐंड इंडस्ट्रीज (पीएनबीएफआईएल) में न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों के उल्लंघन मामले में बाजार नियामक सेबी ने बेनेट कोलमेन ऐंड कंपनी (बीसीसीएल) के वाइस चेयरमैन समीर जैन, उनकी पत्नी मीरा और चार अन्य पर जुर्माना एक करोड़ रुपये से घटाकर 20 लाख रुपये कर दिया है।
सेबी ने पहले के आदेश पर सुधार पत्र जारी करते हुए कहा है, हमें बताया गया कि अंकों में लिखी जुर्माने की रकम सही थी, लेकिन शब्दों में इसे गलत लिख दिया गया था। इस बारे में जानकारी के लिए जैन या बीसीसीएल को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।
बाजार नियामक सेबी ने 28 मार्च को जारी आदेश में न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का अनुपालन करने तक जैन दंपती व दो अन्य को पूंजी बाजार तक पहुंचने पर रोक लगा दी है और किसी सूचीबद्ध कंपनी में प्रमुख प्रबंधकीय पद लेने से रोक दिया है।
सेबी ने कैमेक कॉमर्शियल कंपनी (सीसीसीएल) मामले में ऐसे ही उल्लंघन को लेकर एक आदेश जारी किया है। सेबी ने यह कदम पीएनबीएफआईएल और सीसीसीएल की तरफ से न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के कथित उल्लंघन और प्रवर्तक शेयरधारिता के गलत खुलासे के कारण उठाया गया है, जो कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है और इसमें बीसीसीएल की हिस्सेदारी है।
सीसीसीएल मामले में सेबी ने जैन व उनकी पत्नी पर 1.41-1.41 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही बाजार में प्रवेश पर पाबंदी भी लगाई गई है, लेकिन इसमें न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के अनुपालन की खातिर प्रवेश पर रोक नहीं है। साथ ही सीसीसीएल की तरफ से न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के अनुपालन तक किसी भी सूचीबद्ध कंपनियों में जैन व उनकी पत्नी को कोई अहम पद लेने से रोक दिया है। बीसीसीएल, टाइम्स समूह की मुख्य कंपनी है, जिसके पास अहम मीडिया ब्रांड मसलन टाइम्स ऑफ इंडिया, इकनॉमिक टाइम्स अखबार, रेडियो मिर्ची और टीवी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ का स्वामित्व है। सेबी की जांच में पाया गया कि 19 इकाइयों का समूह जटिल नेटवर्क आदि के जरिए एक दूसरे से जुड़ा है।