ऐसे समय में जब बाजार वैश्विक ब्याज दर के ‘लंबे समय तक अधिक स्तर’ वाले दृष्टिकोण पर दांव लगा रहा है, एक्सेंचर (एसीएन) का कमजोर राजस्व का पूर्वानुमान भारतीय आईटी कंपनियों के लिए नकारात्मक दिख रहा है। विश्लेषकों का यह आकलन है।
डबलिन की यह कंपनी वित्त वर्ष 24 में स्थिर मुद्रा (सीसी) के आधार पर इसमें दो से पांच प्रतिशत की राजस्व वृद्धि का अनुमान जता रही है, जो वित्त वर्ष 17 से 20 में कोविड से पहले के स्तर पांच से आठ प्रतिशत से कम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह यह कमजोर अनुमान इस बात का संकेत देता है कि इस वर्ष धीमी मांग जारी रहने की आशंका है और निकट से मध्य अवधि के दौरान किसी भी सुधार की संभावना नहीं है।
नोमुरा के विश्लेषकों ने एक नोट में लिखा है कि एसीएन ने कहा है कि दीर्घकालिक प्रौद्योगिकी व्यय की प्रवृत्ति बरकरार है, लेकिन ग्राहक सतर्क हैं क्योंकि निकट अवधि में व्यापक अनिश्चितताओं से प्रौद्योगिकी व्यय पर दबाव पड़ रहा है।
शेयर बाजार में लार्जकैप में एचसीएल टेक, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा शुक्रवार को सकारात्मक रहे बाजार में 0.6 प्रतिशत तक गिरावट आई। मिडकैप शेयरों में एलटीआईमाइंडट्री और एलऐंडटी टेक्नोलॉजी एक प्रतिशत लुढ़क गए।
एसीएन ने कहा कि वित्त वर्ष 24 के लिए राजस्व का उसका कमजोर अनुमान वैकल्पिक व्यय के माहौल में कोई सुधार नहीं दर्शाता है।
हालिया अगस्त तिमाही के लिए सौदों की उसकी बुकिंग भी कमजोर रही, जो स्थिर मुद्रा के लिहाज से पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत घटकर 16.6 अरब डॉलर रह गई। इसका मुख्य कारण प्रबंधित सेवाओं के सौदों में 18 प्रतिशत की सालाना गिरावट थी।
जेफरीज के विश्लेषकों – अक्षत अग्रवाल और अंकुर पंत ने कहा कि सौदों की बुकिंग में यह तीव्र नरमी आईटी खर्च के संबंध में बढ़ती समीक्षा का सुझाव देती है।
कंपनी को उम्मीद है कि सीजन की वजह से सितंबर से नवंबर की आगामी तिमाही में बुकिंग नरम रहेगी। एसीएन का राजस्व स्थिर मुद्रा के लिहाज से पिछले साल की तुलना में चार प्रतिशत बढ़ा है, जबकि शुद्ध आय में चौथी तिमाही के दौरान पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत की गिरावट आई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि संचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी (सीएमटी) श्रेणी के राजस्व में 12 प्रतिशत का सबसे तेज संकुचन देखा गया।