उद्योग का मानना है कि बढ़ती मांग, बढ़ते उत्पादन और किफायती होने के कारण अगले साल यानी 2024 में दस लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हो सकती है। कई मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) ग्रामीण इलाकों तक अपनी पैठ बना रहे हैं। बैटरी तकनीक बेहतर होने और नई सुविधाओं से भी बिक्री को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स के मुख्य कार्य अधिकारी हैदर खान ने कहा, ‘साल 2024 में निश्चित रूप में इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों की बिक्री दस लाख का आंकड़ा पार कर जाएगी क्योंकि लोगों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ने, सरकारी प्रोत्साहन मिलने और प्रौद्योगिकी में सुधार आने से इसकी मांग बढ़ने की उम्मीद है। सरकार ने प्रोत्साहन, सब्सिडी और अनुकूल नियम बनाकर इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन बाजार की वृद्धि बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नीतिगत निर्णय ग्राहकों को प्रभावित कर सकते हैं।’
गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स ने इस साल जनवरी में एब्लू फियो पेश कर भारत के इलेक्ट्रिक दो पहिया के खुदरा बाजार में प्रवेश किया था। कंपनी की साल 2024 में करीब 30 हजार गाड़ियां बेचने की योजना है।
2024 को लेकर आश्वस्त लोहिया ऑटो (इलेक्ट्रिक दोपहिया और तीन पहिया वाहन निर्माता) के मुख्य कार्याधिकारी आयुष लोहिया इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को अपनाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन बढ़ने की उम्मीद करते हैं और कहते हैं, ‘संभावना है कि आगे भी बैटरी क्षमता बढ़ेगी और ऊर्जा बढ़ने से इलेक्ट्रिक बाइक की श्रृंखला का विस्तार होगा। बैटरी प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के विकास से निर्माताओं को उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद है।’
उद्योग जगत का भी मानना है कि दुनिया भर में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की मांग, उत्पादन और बिक्री में मजबूत वृद्धि होगी। टिकाऊ परिवहन पर वैश्विक जोर और इलेक्ट्रिक वाहनों का समर्थन करने वाली सरकारी पहलों से ग्राहकों में भी वृद्धि होगी।
विनिर्माता बैटरी प्रौद्योगिकी में सुधार पर खास ध्यान देने के साथ ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने उत्पाद पोर्टफोलिया को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं।
इस साल सितंबर में दो इलेक्ट्रिक स्कूटर (ईगल+ और टफ+) पेश करने वाली इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता शेमा इलेक्ट्रिक अब तक करीब 10 हजार गाड़ियों की बिक्री कर चुकी है। कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी योगेश कुमार लठ दीर्घकालिक और टिकाऊ नीतियों के साथ इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए सरकारी समर्थन बढ़ाने पर जोर देते हैं।
उनका कहना है, ‘बड़े कारोबारियों को मौजूदा योजनाओं का लाभ मिलता है मगर छोटे उद्यमों को ऐसे समर्थन देने से देश में बनने वाले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की और वृद्धि होगी।’
सकारात्मक दृष्टिकोण के बावजूद, चुनौतियां बनी हुई हैं। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, मूल्य निर्धारण और बढ़ती सरकारी नीतियां
संभावित खरीदारों के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं। उद्योग जगत उन्नत बैटरियों के लिए अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और लागत प्रभावी पहल की खोज कर रहे हैं।