रेलवे बोर्ड ने अत्यधिक राशि की बोली के कारण नई दिल्ली और अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों की मेगा पुनर्विकास की निविदाओं को रद्द कर दिया है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने सितंबर 2022 में नई दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) रेलवे स्टेशनों पर काम के लिए 10,000 करोड़ रुपये मंजूर किए थे लेकिन इन दो रेलवे स्टेशनों के लिए ही न्यूनतम निविदा की राशि जोड़ने पर 14,000 करोड़ रुपये से अधिक आई थी। इन दो स्टेशनों के लिए न्यूनतम निविदा की राशि ही केंद्र के अनुमानित खर्चे से कहीं अधिक थी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने 10 अप्रैल को बताया था कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के लिए एलऐंडटी की सबसे कम बोली 8,740 करोड़ रुपये थी। हालांकि सीएसएमटी के लिए आहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स सबसे कम बोली लगाने वाला था। सूत्रों के मुताबिक आहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स ने 2,450 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। यह बोली केंद्र के अनुमान के करीब थी। लिहाजा मुंबई का अनुबंध आहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स को दे दिया गया था।
आधारभूत संरचना क्षेत्र की दिग्गज एफकान्स ने अहमदाबाद स्टेशन के लिए सबसे कम बोली लगाई थी। एफकान्स ने 5,400 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी लेकिन रेलवे इस कंपनी की बोली को लेकर भी सहज स्थिति में नहीं था। इन निविदाओं को रद्द करने से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का प्रयास नाकाम हुआ।
रेल मंत्रालय के अनुसार उसकी कार्य संपन्न कराने वाली एजेंसी रेल लैंड डेवलपमेंट एथॉरिटी (आरएलडीए) निविदा जारी करने की प्रक्रिया फिर शुरू करेगी और नई दिल्ली स्टेशन के लिए नए आवेदन जारी करने से पहले फिर से मंजूरी लेगी। हालांकि इससे प्रक्रिया में कई महीनों का विलंब हो जाएगा।
केंद्र ने कहा था कि प्रमुख रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास सार्वजनिक निजी सहभागिता के तहत किया जाएगा। इसके बाद रेल मंत्रालय ने संसद को बताया था, ‘नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को सार्वजनिक निजी सहभागिता (पीपीपी) के हाई ब्रिड बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल के तहत विकसित करके के लिए चिह्नित किया गया है।