facebookmetapixel
कनाडा पर ट्रंप का नया वार! एंटी-टैरिफ विज्ञापन की सजा में 10% अतिरिक्त शुल्कदेशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धता

मुख्य लड़ाई चीन के आयात से : जिंदल

Last Updated- March 31, 2023 | 9:35 AM IST
Jindal Stainless to invest Rs 1200 crore in Indonesian nickel smelter project

अक्सर राष्ट्र निर्माण की धातु कही जाने वाली स्टेनलेस स्टील देश में सबसे तेजी से बढ़ रही मूल्य संवर्धित सामग्रियों में से एक है। और देश की सबसे बड़ी स्टेनलेस स्टील विनिर्माता के रूप में जिंदल स्टेनलेस मजबूत मांग से उत्साहित होकर अपना ध्यान घरेलू बाजार पर केंद्रित कर रही है। लेकिन कंपनी के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल का कहना है कि चीन की इस्पात डंपिंग ने पूरे उद्योग को संकट में डाल दिया है। जिंदल ने कहा ‘हम काफी आशावादी हैं।

घरेलू मांग काफी दमदार है और हम सरकार द्वारा इस साल के बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च की घोषणा का स्वागत करते हैं। रेलवे खर्च दोगुना कर दिया गया है।’ उन्होंने यह भी कहा कि चीन का खतरा हर जगह है।

घरेलू बाजार की अगुआ जिंदल स्टेनलेस की मुख्य लड़ाई आयात से है। उन्होंने कहा कि चीन से आयात बढ़ रहा है। ‘यह दो से तीन साल पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है। इस प्रवृत्ति का कारण यह है कि पूरी दुनिया ने चीन के खिलाफ किसी न किसी तरह का संरक्षणात्मक उपाय किया है। हम एकमात्र ऐसा देश हैं जो उनके वास्ते डंपिंग के लिए खुला है।’
आंकड़ों के अनुसार भारत के इस्पात आयात में चीन की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2021 में 30 प्रतिशत, वित्त वर्ष 22 में 41 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 के पहले 10 महीने में 50 प्रतिशत रही। इंडोनेशिया आयात का अन्य प्रमुख स्रोत है।

जिंदल स्टेनलेस, जिसकी भारत में (हरियाणा और ओडिशा में) दो विनिर्माण इकाइयां हैं, अपनी क्षमता बढ़ाकर 29 लाख टन तक करने के लिए 10 लाख टन का क्षमता विस्तार करेगी। गुरुवार को जारी क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की स्टेनलेस स्टील की मांग वित्त 25 तक बढ़ने की उम्मीद थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू मांग, जो वित्त वर्ष 2022 में 40 लाख टन थी, में वर्ष 2025 तक तीन वित्त वर्षों में नौ प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज करने का अनुमान जताया गया था, जो पिछले पांच वित्त वर्षों की 4.5 प्रतिशत की रफ्तार से दोगुनी है।

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रेलवे, जो सरकार के बुनियादी ढांचे के खर्च का मुख्य क्षेत्र है, में स्टेनलेस स्टील को अपनाने और वाहन तथा निर्माण क्षेत्रों में बढ़ते इस्तेमाल से प्रेरित होगा।

जिंदल स्टेनलेस वित्त वर्ष 2024 में 25 प्रतिशत और वित्त वर्ष 25 में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रही है। अभ्युदय जिंदल ने कहा ‘अगर बाजार का विकास होता है और हम मांग में तेज इजाफा देखते हैं, तो हम तेजी से बढ़ सकते हैं। फिलहाल निर्यात बाजार सुस्त दिख रहा है और यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यह कैसे आगे बढ़ता है।’

आम तौर पर कंपनी की बिक्री का 25 से 30 प्रतिशत हिस्सा निर्यात से संचालित होता है। जिंदल को उम्मीद है कि इस कैलेंडर वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात जोर पकड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम यूरोप में इजाफा देख रहे हैं। अमेरिका के बाजार ने वैसी रफ्तार नहीं पकड़ी है, जैसी हमने उम्मीद की थी।

 

First Published - March 31, 2023 | 9:35 AM IST

संबंधित पोस्ट