भारत पड़ोसी देशों और मित्र देशों को अपने 5जी परीक्षण की सुविधा ‘‘टेस्ट बेड’’ तक पहुंच देगा। इसके तहत पड़ोसी देश जैसे बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मित्र देश जैसे ईरान को सुविधा मिलेगी। लिहाजा इन देशों के स्टार्ट अप और सरकारी एजेंसियां 5 जी तकनीक पर शोध और अपनी जरूरतों के अनुरूप तकनीक को विकसित कर सकेंगी। अधिकारियों ने बताया कि अत्यधिक रियायत वाली टेस्टिंग की सेवाएं मित्र देशों के लिए भी उपलब्ध होंगी। यह प्रस्ताव संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया है।
इस प्रस्ताव की बदौलत भारत अन्य देशों के साथ तकनीकी साझेदारी में बढ़ी भूमिका निभा सकता है। अधिकारी ने बताया, ‘‘इस प्रस्ताव और चर्चा जल्दी होगी। अन्य देशों से पहल करने के लिए कहा जाएगा।’’
भारत ने स्वदेशी तकनीक पर आधारित ‘‘टेस्ट बेड’’ तकनीक विकसित की। इसे 5 जी तकनीक में भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अहम कदम माना गया था। इससे भारत 5 जी तकनीक के डोमेन, 5 जी संचार उपकरणों के घरेलू उत्पादन का पारिस्थितिकीतंत्र बना सकता है। अधिकारी ने बताया कि भारत ने अन्य देशों को इन सुविधाओं का उपयोग करने की दिशा में कदम उठाया है ताकि ये देश 5जी लागू करने की योजना या वर्तमान संचार तकनीक को कहीं ज्यादा बेहतर बना सकें। भारत की 5 जी की जरूरतों के मद्देनजर दूरसंचार विभाग ने 2018 में भारत के स्वदेशी 5 जी टेस्ट बेड के लिए कुल 224 करोड़ रुपये की वित्तीय अनुदान की मंजूरी दी थी। यह परियोजना कई संस्थाओं के सहयोग से शुरू की गई थी।
विभिन्न इस्तेमाल
5 जी टेस्ट बेड ने ने भारत के आपरेटरों को 5 जी तकनीक के इस्तेमाल को समझने में मदद की है। इसकी बदौलत वे अपनी भविष्य के नेटवर्क की जरूरतों के अनुरूप योजना बना सकते हैं। यह भारत के अकादमी क्षेत्र के विशेषज्ञों और उद्योग को अपने उत्पाद, प्रोटोटाइप, एल्गोरिथम और विभिन्न सेवाओं की जांच करने का माहौल मुहैया करवाता है। यह शोधकर्ताओं के दल को उनकी सोच को भारत के मानदडों और वैश्विक स्तर पर यथार्थ में फलीभूत करने का कार्य करता है। 5जी टेस्ट बेड पांच स्थानों चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कानपुर और बेंगलूरु में है।