भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक विवाद का असर पहले से ही शिक्षा क्षेत्र और यात्रा से जुड़े उद्योग पर दिख रहा है। अब छात्रों, यात्रा उद्योग से जुड़े प्रमुख लोगों, शिक्षा उद्योग के खिलाड़ियों ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जतानी शुरू कर दी है।
शिक्षा से जुड़े परामर्श देने वाली कई एजेंसियों ने कहा कि उन्हें कई छात्र और उनके अभिभावक घबराकर फोन कर रहे हैं। ये वैसे लोग हैं जिन्होंने कनाडा के विभिन्न विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए पहले से ही सितंबर के सीजन और सर्दियों के सीजन (जनवरी) में प्रवेश लेने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजी ऐंड सिटिजनशिप कनाडा (आईआरसीसी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में कनाडा में कुल 5,51,405 विदेशी छात्रों में से लगभग 41 प्रतिशत या 2,26,450 छात्र भारतीय थे।
भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को अगले नोटिस तक निलंबित करने की घोषणा की जिसके बाद भारतीय छात्रों और अन्य वीजा आवेदकों के बीच चिंताएं बढ़ गई हैं।
केरल में छात्रों को सेवाएं देने वाली एजेंसी फॉर्च्यून स्टडी अब्रॉड के प्रबंध निदेशक राजमोहन सत्यराजन ने कहा, ‘हमें पहले ही अभिभावकों और छात्रों के फोन आने शुरू हो गए हैं, खासतौर पर भारत द्वारा कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित किए जाने के बाद ये फोन कॉल काफी बढ़ गए हैं। जिन लोगों ने सितंबर के सीजन के लिए नामांकन कराया, उनमें से अधिकांश छात्र पहले ही जा चुके हैं और वैसे लोग दबाव में हैं जिन्हें पहले ही वीजा मिल चुका है और जिन्होंने अपना टिकट भी बुक करा लिया है। इसी तरह, 2024 की सर्दियों और गर्मी (मई) के सीजन में नामांकन को लेकर भी चिंता बनी हुई है।’
वर्ष 2022 में कनाडा में नामांकन कराने वाले कुल छात्रों में से लगभग 18-20 प्रतिशत केरल से थे। उद्योग के एक अन्य आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में कनाडा में कुल 8,07,260 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से, भारतीयों की तादाद 40 प्रतिशत या 3,19,000 थी।
टोरंटो की एक कंपनी हायर एजुकेशन स्ट्रैटेजी एसोसिएट्स (एचईएसए) के एक अध्ययन के मुताबिक कनाडा की सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत ओंटारियो जैसी जगहों की शिक्षा व्यवस्था में भारतीय छात्रों का योगदान, वहां की सरकार के हिस्से से अधिक और कनाडा के छात्रों से दोगुना है।
इसके अलावा मोटे तौर पर उद्योग के आकलन के मुताबिक यात्रा करने वाले छात्रों से होने वाली कमाई भी भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए लगभग 1,500-2,000 करोड़ रुपये है। जैसे-जैसे दोनों देशों के संबंधों में तनाव आएगा तो इसका असर दोनों देशों की तय यात्राओं पर पड़ेगा जिनमें फ्लाइट, होटल और यात्रा से संबंधित अन्य बुकिंग पर पड़ने वाले प्रभाव भी शामिल हैं।
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी (एफएआईटीएच) की बोर्ड सदस्य ज्योति मायल ने कहा, ‘इस वक्त जो हालात बन रहे हैं उससे पर्यटन पर प्रभाव पड़ेगा। कई लोगों ने पहले ही बुकिंग करा ली है। लेकिन दूतावासों में कई पासपोर्ट पड़े हुए हैं। कई उड़ानें भी रद्द हो सकती हैं। लोग हालात को देखते हुए काफी चिंतित हैं क्योंकि उन्होंने यात्रा की योजना बना ली है। कई छात्र कनाडा में रहते हैं। ऐसे में उनके माता-पिता भी घबराएंगे।’
इसके अलावा, यात्रियों के बीच अब भी इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या दोनों देशों की यात्राएं भी निलंबित कर दी जाएगी।
इंडियन एसोसिएशन फॉर टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के अध्यक्ष राजीव मेहरा ने कहा, ‘इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि यात्रा निलंबित की जाएगी या नहीं, खासतौर पर उनके लिए जिनके पास पहले से ही वीजा है। हम भी कोई स्पष्ट संदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। भारत की यात्रा की योजना बना रहे लोगों के वीजा निलंबित किए जाने से मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि कनाडा हमारे (भारत) लिए एक प्रमुख स्रोत वाला बाजार है।’
उद्योग के विशेषज्ञों ने यह भी संकेत दिया है कि कनाडा के लिए भी भारतीय छात्रों और यात्रियों के लिए दरवाजे बंद करना आसान नहीं है, क्योंकि उनके राजस्व में इससे बड़ा योगदान मिलता है।
अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए शिक्षा से जुड़ी परामर्श देने वाले और एक सोशल मीडिया मंच एडंपस के सह संस्थापक, अजेश राज ने कहा, ‘इसका असर विमानन उद्योग और उन बैंकों पर पड़ेगा, जिन्हें फीस ट्रांसफर की जाती थी। इसके अलावा शिक्षा से जुड़ी परामर्श देने वाली एजेंसियों और अन्य कोचिंग सेंटर पर भी असर पड़ेगा। कनाडा के लिए भी कोई कदम उठाना आसान नहीं है क्योंकि भारतीय छात्र उनके देश के राजस्व में एक बड़ा योगदान देते हैं।’
वहीं दूसरी तरफ इन विवादों से भारत का घरेलू पर्यटन क्षेत्र भी प्रभावित हो सकता है। भारत के पर्यटन सांख्यिकी 2022 के अनुसार, 2021 में भारत में जिन देशों के पर्यटक सबसे ज्यादा आए उस सूची में चौथे स्थान पर कनाडा था।
देश में आने वाले विदेशी पर्यटकों में सबसे ज्यादा तादाद अमेरिका के पर्यटकों की है जिनकी हिस्सेदारी करीब 28.45 फीसदी थी। इसके बाद बांग्लादेश (15.75 प्रतिशत), ब्रिटेन (10.75 प्रतिशत), कनाडा (5.27 प्रतिशत) और नेपाल (3.44 प्रतिशत) का स्थान है। दूसरी ओर, कनाडा में जाने वाले विदेशी यात्रियों ने लगभग 3 प्रतिशत का योगदान दिया है।
कनाडा में शीर्ष 5 देशों के छात्र
भारत 319,000
चीन 100,010
फिलिपींस 32,425
फ्रांस 27,110
नाइजीरिया 21,645
स्रोत- आईआरसीसी