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FMCG की मांग पर असमान monsoon का असर, राजस्व वृद्धि धीमी रहने के आसार

खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम और कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश की वजह से ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद में देर हुई है।

Last Updated- October 17, 2023 | 10:38 PM IST
FMCG

दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं (FMCG) का विनिर्माण करने वाली कंपनियों की राजस्व वृद्धि धीमी रहने के आसार हैं, क्योंकि मॉनसून के असमान प्रसार से मांग पर असर पड़ रहा है। जुलाई से सितंबर तक वाली तिमाही के दौरान ग्रामीण मांग भी दुरूह रही है।

ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि पिछली तिमाही के मुकाबले वॉल्यूम स्थिर रहेगा। निर्मल बांग ने इस क्षेत्र के संबंध में अपनी समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि ग्रामीण मांग के मामले में हमारा मानना ​​है कि संपूर्ण सुधार हालांकि तेज नहीं है, लेकिन धीमी रफ्तार से सुधार के कुछ संकेत दिख रहे हैं।

मैरिको ने तिमाही पूर्व अपनी समीक्षा में कहा है कि सितंबर तिमाही में मांग का रुझान काफी हद तक पिछली तिमाही के समान है।

खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम और कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश की वजह से ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद में देर हुई है। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में कहा है कि तिमाही के दौरान उसे कमजोर व्यापक परिदृश्य और मौसम के प्रतिकूल माहौल दिखे हैं।

एलारा कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस तिमाही में दिखी कमजोर मांग का एक अन्य कारण यह है कि इस साल त्योहारी सीजन तीसरी तिमाही में चला गया है।

ब्रोकरेज फर्म ने यह भी कहा कि हालांकि ग्रामीण भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अधिकांश समय सामान्य रहा, लेकिन ज्यादातर वक्त और क्षेत्रों में इसका असमान वितरण कृषि आय और खपत को प्रभावित कर सकता है। मॉनसून के स्वरूप में ये अंतर ग्रामीण मांग में पहले से ही कमजोर सुधार पर असर डाल सकते हैं।

अलबत्ता पिछले साल के मुकाबले मार्जिन में सुधार की उम्मीद है। निर्मल बांग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में कई कंपनियों के मामले में पिछले साल के मुकाबले खासा सकल मार्जिन विस्तार देखा जाएगा, लेकिन बढ़ते विज्ञापन खर्च (कम आधार पर), पिछली तिमाहियों के मुकाबले कमाई में काफी कम इजाफा और वॉल्यूम की लगातार धीमी वृद्धि का मतलब यह है कि पिछले साल की ​तुलना में एबिटा मार्जिन स्तर अधिकांश कंपनियों के लिए खास नहीं रहेगा।

ब्रोकरेज फर्मों ने कहा है कि इस तिमाही में ग्रामीण आय पर मॉनसून में देर से होना वाला सुधार और त्योहारी सीजन की मांग की उम्मीद के साथ ग्रामीण मांग पर इसका असर ऐसे प्रमुख कारक हैं।

First Published - October 17, 2023 | 10:38 PM IST

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