अगले कुछ सप्ताह तक पेटीएम को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर होने वाले लेन-देन की संख्या में गिरावट देखने को मिल सकती है।
इस मामले के जानकार लोगों ने बताया कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि जब तक उसके मौजूदा ग्राहक नए हैंडल पर नहीं चले जाते, तब तक पेटीएम (Paytm) नए ग्राहक नहीं जोड़ सकेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक ( Paytm Payments Bank) को 15 मार्च के बाद लेन-देन रोक देने को कहा था। उसके बाद रिजर्व बैंक ने पेटीएम के मौजूदा यूजर्स को नए हैंडल पर ले जाना अनिवार्य कर दिया है।
यूपीआई पर पेटीएम पीबी ट्रांजैक्शन की संख्या फरवरी में 10.4 फीसदी घटकर 1.40 अरब हो गई, जो इस साल जनवरी में 1.56 अरब थी। बैंकिंग नियामक ने 31 जनवरी, 2024 को पेटीएम पीबी को 1 मार्च से कामकाज रोक देने को कहा था, उसके बाद यह तिथि बढ़ाकर 16 मार्च कर दी गई।
जनवरी 2023 से यूपीआई प्लेटफॉर्म पर पेटीएम पीबी का कारोबार बढ़ रहा था। जनवरी 2023 में यह संख्या 3.842 करोड़ था, जो जनवरी 2024 में बढ़कर 5.063 करोड़ हो गई। हालांकि इस साल फरवरी में रोजाना औसत लेन-देन की संख्या घटकर 4.847 करोड़ रह गई। इस अवधि के दौरान अन्य कंपनियों का औसत रोजाना यूपीआई लेनदेन बढ़ा है।
जनवरी में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) से रोजाना औसत लेन-देन की संख्या 39.365 करोड़ थी। यह फरवरी 2024 में बढ़कर 41.733 करोड़ हो गई। इस साल मार्च में लेन-देन की संख्या में तेज घट बढ़ हुई। 1 मार्च को यह 45.463 करोड़ के उच्च स्तर पर पहुंची, जबकि 20 मार्च को 41.841 करोड़ के निचले स्तर पर आ गई।
पेटीएम पर लेन-देन की संख्या में कमी की वजह के बारे में पूछे जाने पर इस उद्योग के एक सूत्र ने कहा, ‘यह ध्यान देना अहम है कि यूपीआई के लिए लोग विभिन्न ऐप का विकल्प अपना रहे हैं। यूपीआई लेन-देन में ऐप को तरजीह देने की ग्राहकों की धारणा बदल रही है। पेटीएम की बाजार हिस्सेदारी इससे भी प्रभावित हो सकती है। जब तक पेटीएम नए ग्राहक लेना शुरू नहीं कर देता, लेन-देन की संख्या के हिसाब से उसकी बाजार हिस्सेदारी में रिकॉर्ड गिरावट आएगी।’
फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (Google Pat) के बाद यूपीआई लेन-देन में पेटीएम तीसरे स्थान पर है, जिसकी इस बाजार में हिस्सेदारी 15 फीसदी है।
फरवरी में भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्रांड पेटीएम चलाने वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (ओसीएल) को तब तक नए यूजर नहीं जोड़ने को कहा था, जब तक कि उसके मौजूदा यूजर नए हैंडल या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) पर संतोषजनक तरीके से नहीं चले जाते हैं।
पिछले सप्ताह नोएडा की कंपनी को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से थर्ड पार्टी ऐप्लीकेशन प्रोवाइडर (टीपीएपी) के रूप में कामकाज करने की मंजूरी मिली थी। इससे कंपनी अपने मौजूदा यूजर्स को अपने ऐप के माध्यम से यूपीआई लेन-देन की सेवा देना जारी रखने में सक्षम है।
इसके साथ ही पेटीएम को अपने सभी मौजूदा हैंडल को दूसरे हैंडल पर ले जाना और उसे नए पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (पीएसपी) बैंकों से जोड़ना होगा, जिससे उसके प्लेटफॉर्म से आसानी से यूपीआई लेन-देन जारी रह सके।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI), ऐक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और येस बैंक पेटीएम के लिए पीएसपी बैंकों का काम करेंगे और कंपनी मल्टी बैंक मॉडल के तहत टीपीएपी के रूप में कामकाज जारी रखेगी।
उपरोक्त उल्लिखित व्यक्ति ने कहा कि सभी मौजूदा यूजर्स को नए हैंडल पर ले जाने में 3 महीने से ज्यादा वक्त लग सकता है।
सूत्र ने कहा, ‘माइग्रेशन में 3 महीने या इससे ज्यादा लग सकते हैं। कंपनी जल्दबाजी दिखाते हुए पहले भी यह काम पूरा कर सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करने में सावधानी बरतनी होगी कि ग्राहकों पर कोई आदेश थोपने के पहले वे यूजर्स से उनकी सहमति लें।’
इस समय येस बैंक और ऐक्सिस बैंक ने पेटीएम ऐप के लिए पीएसपी के रूप में सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया है।
येस बैंक ने यूजर्स के एक छोटे ग्रुप के साथ @पीटीयेस हैंडल से पीएसपी बैंक के रूप में सेवाएं देना शुरू किया है। इसी तरह से ऐक्सिस बैंक ने यूजर्स के एक छोटे ग्रुप के साथ @पीटीऐक्सिस हैंडल से सेवाएं देना शुरू किया है।
भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक धीरे-धीरे पीएसपी के रूप में लाइव होंगे, इनके हैंडल क्रमशः @पीटीएसबीआई और @पीटीएचडीएफसी होंगे।
पिछले महीने रिजर्व बैंक ने एनपीसीआई से कहा था कि वह ओसीएल के टीपीएपी बनने और यूपीआई परिचालन जारी रखने के अनुरोध पर विचार करे।