गूगल ने एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस तंत्र में अनुचित प्रणालियों पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय
कंपनी विधि अपीलीय पंचाट (एनसीएलएटी) का दरवाजा खटखटाया है।
इस साल अक्टूबर में सीसीआई ने गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस तंत्र में कई बाजारों में अपने दबदबे का गलत फायदा उठाने की वजह से 1,337.6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह अब तक किसी बड़ी टेक कंपनी पर लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना है।
गूगल के प्रवक्ता ने एजेंसी से कहा, ‘हमने एंड्रॉयड पर सीसीआई के फैसले के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया है। हमारा मानना है कि यह फैसला उन भारतीय प्रयोगकर्ताओं, कंपनियों के लिए बड़ा झटका है जिन्हें एंड्रॉयड की सुरक्षा खूबियों पर भरोसा है। इससे मोबाइल उपकरणों की लागत संभावित रूप से बढ़ जाएगी।’
गूगल का मानना है कि एनसीएलएटी इस मामले में गंभीरता दिखाएगा। उसका कहना है कि यदि सीसीआई के निर्णय पर रोक नहीं लगती है तो एंड्रॉयड हितधारकों को नुकसान पहुंचेगा।
जुर्माना लगाने के अलावा सीसीआई ने इंटरनेट क्षेत्र की कंपनी को कई तरह के अनुचित व्यापार व्यवहार से बचने को कहा था। इस पर गूगल के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम एनसीएलएटी में अपनी बात रखेंगे। इसके साथ ही हम अपने प्रयोगकर्ताओं तथा भागीदारों के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
कंपनी ने कहा कि एंड्रॉयड ने भारतीय प्रयोगकर्ताओं, डेवलपर्स और ओईएम को लाभ दिया है और इसने देश के डिजिटल बदलाव को आगे बढ़ाया है। सूत्रों ने कहा कि गूगल ने एनसीएलएटी से आयोग के आदेश पर रोक लगाने की अपील की है।
गूगल का मानना है कि सीसीआई इस बात पर गौर करने में विफल रहा कि मुक्त एंड्रॉयड कारोबारी मॉडल सभी अंशधारकों के लाभ के लिए प्रतिस्पर्धा का समर्थन करता है, खासकर भारत के मामले में। सूत्रों के मुताबिक, गूगल को भरोसा है कि एनसीएलएटी इस मामले में मौजूद प्रमाणों पर गौर करेगा कि एंड्रॉयड ने भारत में मोबाइल पारिस्थतिकी तंत्र की भारी वृद्धि और समृद्धि में योगदान दिया है।
सूत्रों ने कहा कि एंड्रॉयड ने सभी के लिए अधिक विकल्प पैदा किए हैं। इसने देश और दुनिया में हजारों सफल व्यवसायों को समर्थन दिया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अक्टूबर में दो फैसलों में गूगल पर कुल 2,200 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया था। एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर गूगल पर यह कार्रवाई की गई थी। दूसरे मामले में कंपनी पर 937 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
इस घटनाक्रम से अवगत सूत्रों का कहना है कि गूगल की मुख्य चिंता इसे लेकर है कि सीसीआई ने एंड्रॉयड मोबाइल प्रणाली पर इस तरह का रुख अपनाया है।