facebookmetapixel
Zepto IPO: SEBI में गोपनीय ड्राफ्ट फाइल, ₹11,000 करोड़ जुटाने की तैयारीFake rabies vaccine row: IIL का बयान- रैबीज वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं, फर्जी बैच हटाया गयाDelhi Weather Update: स्मॉग की चादर में लिपटी दिल्ली, सांस लेना हुआ मुश्किल; कई इलाकों में AQI 400 के पारअरावली की रक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन, 29 दिसंबर को सुनवाईYearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्सAadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्ट

दो दशक में Gold ने दिया सबसे अच्छा रिटर्न

अध्ययन के अनुसार सोना ऐसी संपत्ति है जो सुरक्षा प्रदान करती है। ऐतिहासिक रूप से जब बाजार में उथल-पुथल होती है तो निवेशक सुरक्षा चाहते हैं।

Last Updated- November 09, 2023 | 10:12 PM IST
Gold Silver Price Today

बीते दो दशक में सोने ने औसतन 11 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से निवेशकों को प्रतिफल दिया है और इस साल भी त्योहारी सीजन के दौरान भू-राजनीतिक अनिश्चतताओं के बावजूद सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है।

स्मॉलकेस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की पूर्व स्वामित्व वाली सहायक कंपनी विंडमिल कैपिटल के एक अध्ययन में ऐसा कहा गया है। अध्ययन में कहा गया है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के दौर में भी सोने में तेजी की उम्मीद है।

विंडमिल कैपिटल के स्मॉलकेस मैनेजर और वरिष्ठ निदेशक (निवेश उत्पाद) नवीन केआर ने कहा, ‘निवेशकों को सोने और इक्विटी दोनों में निवेश करना चाहिए। इससे इक्विटी के खराब प्रदर्शन और ऊंची मुद्रास्फीति के दौरान निवेशकों को सोने से बेहतर रिटर्न मिल सकता है।’

अध्ययन के अनुसार सोना ऐसी संपत्ति है जो सुरक्षा प्रदान करती है। ऐतिहासिक रूप से जब बाजार में उथल-पुथल होती है तो निवेशक सुरक्षा चाहते हैं। सोने ने संकट के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है।

उदाहरण के लिए वैश्विक महामारी कोविड या रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान जब निफ्टी का रिटर्न नकरात्मक था तब सोना 20 फीसदी के रिटर्न के साथ मजबूत बनकर उभरा था। अध्ययन में कहा गया है, ‘इसलिए सोना इक्विटी के मुकाबले प्रभावी तरीके से बचाता है।’

सोने पर भू-राजनीतिक प्रभाव

सोने की मांग हमेशा से रही है। पिछले साल यानी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद भी इसके प्रति उत्साह देखा गया, जब अमेरिका ने रूस पर पाबंदी लगाने के लिए 300 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को जब्त कर लिया था।

अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध भी लगाए। इस कार्रवाई ने कई देशों को, खासकर उभरती अर्थव्यवस्थाओं को भी अचंभित कर दिया था कि क्या अमेरिका रूस के विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रतिबंध लगा सकता है। साल 2022 में ही केंद्रीय बैंकों ने रिकॉर्ड 1,126 टन सोने की खरीद की, जिसकी कीमत करीब 70 अरब डॉलर थी।

अध्ययन में कहा गया है, ‘अन्य दिलचस्प रुझान यह देखा गया है कि पश्चिम क्षेत्र अपनी संपत्ति पर निर्भरता बढ़ा रहा है, जबकि पूर्वी क्षेत्र सोने में खरीदारी कर रहा है। भू-राजनीतिक रुझान और चालू तिमाही में बाजार की चाल ने सोने को पसंदीदा परिसंपत्ति निवेश विकल्प बना दिया है। खासकर भारत में त्योहारी सीजन के दौरान सोने में निवेश बढ़ जाता है।’

मोतीलाल ओसवाल द्वारा कराए गए अन्य अध्ययन में कहा गया है कि सोना मध्यावधि में 63,000 रुपये पर पहुंच सकता है। सोने ने पिछले समय में दमदार प्रतिफल दिया है, जो पिछले 10 साल में दोगुना से ज्यादा और सिर्फ 4 साल में 60 प्रतिशत से ज्यादा रहा है।

ब्रोकरेज के अनुसार, यदि आपने 2019 की दीवाली के दौरान सोने में निवेश किया होता, तो इस दीवाली तक आपको अपने घरेलू स्वर्ण निवेश पर 60 प्रतिशत का फायदा होता।

First Published - November 9, 2023 | 10:12 PM IST

संबंधित पोस्ट