हम्पी के इवॉल्व बैक रिजॉर्ट में हरे-भरे और अनूठे माहौल में के बीच जी20 शेरपा साथ बैठकर सितंबर में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए संयुक्त बयान तैयार करने में जुटे हैं। इस बयान का मसौदा तैयार करने के लिए उन्हें 17 घंटे की बैठकें करनी पड़ रही हैं।
उदयपुर और कुमारकोम में आयोजित दो शेरपा बैठकों का मकसद दुनिया के दक्षिणी हिस्से के देशों और विकास पर ध्यान बरकरार रखते हुए शेरपाओं को भारत के महत्त्वाकांक्षी जी20 एजेंडा से परिचित कराना था। मगर भारत ने जी20 देशों के संयुक्त बयान का जो पहला मसौदा बांटा है, उस पर मतभेद दूर करने के मकसद से हम्पी में तीसरी बैठक हो रही है।
जी20 में एक भारतीय अधिकारी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘हम्पी भारत के शेरपा (अमिताभ कांत) की पसंद है। हमें लगा कि शेरपा की बैठक बेहद मशहूर जगहों पर ही होना जरूरी नहीं है। यहां सुकून है, इसलिए शेरपाओं को एकांत मिल रहा है। वे यहां से भाग नहीं सकते, इसलिए उन्हें केवल बातचीत पर ध्यान देना पड़ेगा।’
हम्पी शक्तिशाली विजयनगर साम्राज्य की अंतिम राजधानी
दिन भर चर्चा में सिर खपाने के बाद शाम को प्रतिनिधियों को हम्पी की भव्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत महसूस करने का मौका मिलता है।
यूनेस्को से विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त हम्पी शक्तिशाली विजयनगर साम्राज्य की अंतिम राजधानी रही। दक्खन के मुसलमानों ने 1565 में इस पर जीत दर्ज करने के बाद छह महीने तक शहर को बुरी तरह लूटा और फिर छोड़ दिया।
हम्पी के खंडहर 4,100 हेक्टेयर में फैले हैं, जिनमें किले, नदियों के घाट, राजसी एवं पवित्र परिसर, मंदिर, तीर्थ स्थल, नक्काशीदार खंभों वाले हॉल, मंडप, स्मारक तथा जल निकाय हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान कांत ने जी20 कार्यक्रम के लिए ऐतिहासिक स्थलों की सफाई करने और सड़कें बनाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि हम्पी को हम दुनिया का सबसे शानदार स्थान बना पाएंगे।’ कांत ने कहा कि शेरपाओं के लिए सांस्कृतिक अनुभव बहुत समझबूझकर तैयार किए गए हैं और समृद्ध विरासत पर पूरा जोर दिया गया है। जी20 प्रतिनिधि विजय विट्ठल मंदिर, राजमहल और येदुरु वासवन्ना परिसर जाएंगे तथा हम्पी संग्रहालय भी घूमेंगे। शेरपा लजीज कन्नड़ व्यंजनों का भी आनंद ले रहे हैं।
बैठक के पहले दिन प्रतिनिधियों ने कोरी अजदीना (मंगलूरु की चिकन करी), लोटस स्टेम अजदीना (कमल ककड़ी, आलू व मटर की मंगलूरु शैली की सब्जी), येन्नईगई (उत्तरी कर्नाटक में लोकप्रिय बैंगन एवं मूंगफली का व्यंजन), झींगा गस्सी (मंगलूरु की मशहूर झींगा करी) और पेलटा गट्टी (कटहल की इडली) का स्वाद लिया।
कार्यक्रम के एक आयोजक ने कहा, ‘विदेशी प्रतिनिधियों को बीसी बेला बाथ, कटहल इडली और कमल ककड़ी की सब्जी पसंद आई क्योंकि उन्हें रोजाना ऐसे व्यंजन नहीं मिलते।’ स्थानीय लोगों को खुशी है कि जी20 कार्यक्रम से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।