भारी उद्योग मंत्रालय ने फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) योजना के चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) के दिशा निर्देशों के उल्लंघन में प्रासंगिक दस्तावेज जमा करने के लिए हीरो इलेक्ट्रिक (Hero Electric) को 10 दिन का और समय दिया है।
सूत्रों के अनुसार, यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन बनाने वाली कंपनी ने फेम मानदंडों का उल्लंघन नहीं करने के अपने दांवों से पीछे हटना से इनकार कर दिया।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘कानून के जानकारों के साथ बातचीत करने के बाद मंत्रालय कंपनी को 10 दिन का विस्तार देने पर राजी हो गया है।’
हीरो इलेक्ट्रिक के एक प्रतिनिधिमंडल ने कानूनी टीम के साथ सोमवार को अधिकारियों से मुलाकात की और अधिक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए और वक्त मांगा।
हीरो इलेक्ट्रिक पीएमपी मानदंडों का उल्लंघन करने वाली 7 कंपनियों में शामिल
हीरो इलेक्ट्रिक उन सात वाहन विनिर्माताओं में से एक है जिन्होंने पीएमपी मानदंडों का उल्लंघन किया। हीरो इलेक्ट्रिक के साथ ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पीयर व्हीकल्स (ग्रीव्स कॉटन), बेनलिंग इंडिया, रिवोल्ट इंटेलिकॉर्प, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो भी पीएमपी मानदंडों के उल्लंघन में आयातित उत्पादों का उपयोग करते हुए पाए गए थे।
इनमें से रिवोल्ट इंटेलिकॉर्प और एमो मोबिलिटी ने मंत्रालय को उनके द्वारा दावा की गई सब्सिडी राशि चुकाने की पेशकश की है। ओकिनावा 21 जुलाई को मंत्रालय के समक्ष अपना पक्ष रखने वाली है।
मंत्रालय ने हीरो इलेक्ट्रिक के लिए मियाद बढ़ाई
हालांकि, मंत्रालय ने हीरो इलेक्ट्रिक के लिए मियाद बढ़ा दी है, लेकिन सरकार की परीक्षण एजेंसियों के साथ काम करने वाले अधिकारियों का कहना है कि मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) से कुछ भी नया नहीं आ सकता है क्योंकि वे पहले ही अपने दस्तावेज की दो बार जांच करवा चुके हैं।
परीक्षण एजेंसी इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने पहले ही उनके चालान और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज की जांच कर ली है। आयातित भागों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया।