इस वित्त वर्ष के अंत में धन बचने की स्थिति में केंद्र सरकार बिजली चालित (व हाइब्रिड)वाहनों के अपनाने व विनिर्माण (फेम) के तीसरे चरण (FAME 3) पर विचार करेगी। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इसका ध्येय वित्त वर्ष के अंत तक पूरे कोष को उपयोग करना है। कोष का पूरा उपयोग नहीं होने की स्थिति में मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार करेगी।’ दरअसल भारी उद्योग मंत्रालय के समक्ष बिजली चालित वाहनों के कई प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा है। इन प्रतिनिधियों ने दावा किया है कि वे फेम का दूसरा चरण समाप्त होने की स्थिति में कोई भी प्रोत्साहन लेने से वंचित रह जाएंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘यह धारणा बन गई है कि वाहन क्षेत्र की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना केवल कारोबार में नया हाथ आजमाने वाले और बड़ी कंपनियों के लिए है। फेम से फायदा उठाने वाले मध्यम स्तर के विद्युत वाहन निर्माता इसके विस्तार की मांग कर रहे हैं।’ फेम की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2024 करीब आने के कारण सरकार ने वाहन और वाहन निर्माताओं से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत देश में बिजली चालित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए दबाव डाला है। इससे बिजली चालित वाहन बनाने वाली कंपनियों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
फेम दो की शुरुआत अप्रैल 2019 में 10,000 करोड़ रुपये से तीन साल की अवधि के लिए हुई थी लेकिन बाद में इसकी अवधि बढ़ाकर मार्च 2024 तक कर दी गई थी। हालांकि 28 फरवरी तक इस योजना के तहत केवल 2,835 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे। अधिकारी के मुताबिक, ‘हमारी योजना 5000 करोड़ रुपये से अधिक की शेष राशि भेजने की है।’
उद्योग और अनुमानों पर संसद की स्थायी समिति ने कुछ हफ्ते पहले भारत में ई मोबिलिटी क्रांति को बढ़ावा देने के बारे में कहा था। इसने सुझाव दिया था कि फेम दो योजना को निरंतर संरक्षण दिया जाए।
फेम दो योजना देश में बिजली चालित वाहनों को स्वीकारने और बढ़ावा देने में सफल रही। इस योजना पर आरोप लगा कि स्थानीकरण को बढ़ावा दिए बिना कोष का समुचित ढंग से इस्तेमाल नहीं किया गया। आरोप यह भी है कि एक्स फैक्टरी मूल्य के मानदंडों की भी अवहेलना की गई है। इन आरोपों के कारण कारोबारी धारणाएं प्रभावित हुई। मंत्रालय धन के गबन के मामले में दर्जन से अधिक ओईएम की जांच कर रहा है।
वाहन पीएलआई के लिए मानक संचालन प्रकिया जारी
केंद्र सरकार ने उत्पादन से जड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के 25,938 करोड़ रुपये से लाभान्वित वाहन और वाहन के कलपुर्जे उद्योग के लिए बुधवार को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की।