देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस (77th Independence Day) की पूर्व संध्या पर सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि इस जटिल समय में भारत की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया के लिए आशा की किरण बनी हुई है।
उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था की खूबियां गिनाते हुए कहा कि मुद्रास्फीति जहां दुनिया भर में चिंता का विषय बनी हुई है, वहीं हमारे देश में सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने न केवल इसका प्रबंधन किया बल्कि लोगों को इसके खराब प्रभावों से भी बचाया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि जी20 देशों के समूह की अध्यक्षता के साथ भारत व्यापार और वित्तीय क्षेत्र में निर्णय प्रक्रिया को अधिक समतापूर्ण प्रगति की दिशा में ले जा सकता है। उन्होंने देश के स्वतंत्रता संघर्ष में महिलाओं के योगदान को याद किया और महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘दुनिया भर में मुद्रास्फीति चिंता का विषय बनी हुई है। परंतु भारत में सरकार और रिजर्व बैंक ने इसे थामे रखा। सरकार आम लोगों को उच्च मुद्रास्फीति से बचाने में सफल रही, साथ ही उसने गरीबों को व्यापक सुरक्षा ढांचा मुहैया कराया। वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए दुनिया भारत की बाट जोह रही है।’
उन्होंने कहा कि सरकार ने निरंतर आर्थिक प्रगति के लिए दो मुखी रणनीति अपनाई है। एक तो रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्यमिता पर जोर दिया जा रहा है और दूसरा जरूरतमंदों के लिए सक्रियता के साथ कल्याण संबधी पहल की जा रही हैं।
उन्होंने विश्व स्तर पर भारत के बढ़ते कद की बात की और कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज बुलंद हुई है। उन्होंने कहा कि दुनिया की दोतिहाई आबादी जी20 समूह में आती है और यह बात भारत को विशिष्ट अवसर प्रदान कर रही है कि वह वैश्विक बहस को सही दिशा में ले जाए।
उन्होंने कहा कि विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं के नाजुक दौर से गुजरने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनिश्चितता का वातावरण होने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था न केवल समर्थ सिद्ध हुई है बल्कि दूसरों के लिए आशा का स्रोत भी बनी है। उन्होंने कहा कि आज सशक्तीकरण से भरी हुई उत्साह की भावना का संचार हो पाया है क्योंकि देश हर मोर्चे पर अच्छी प्रगति कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं नाजुक दौर से गुजर रही हैं। वैश्विक महामारी के कारण हुए आर्थिक संकट से विश्व समुदाय पूरी तरह बाहर नहीं आ पाया था कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर हो रही घटनाओं से अनिश्चितता का वातावरण और गंभीर हो गया।’
उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी सरकार कठिन परिस्थितियों का अच्छी तरह से सामना करने में सक्षम रही है। देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि भी दर्ज की है।’
भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर
राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे अन्नदाता किसानों ने हमारी आर्थिक वृद्धि में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्र उनका ऋृणी है।’ उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति चिंता का कारण बनी हुई है लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने में सफल रहे हैं। मुर्मू ने कहा कि वैश्विक आर्थिक विकास के लिए दुनिया की निगाहें आज भारत पर टिकी हुई हैं। उन्होंने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। मुर्मू ने कहा, ‘हमारी आर्थिक प्रगति की इस यात्रा में समावेशी विकास पर जोर दिया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि वंचितों को वरीयता सरकार नीतियों और कार्यों के केंद्र में रहते हैं, इसके परिणामस्वरूप पिछले दशक में बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकालना संभव हो पाया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इसी प्रकार आदिवासियों की स्थिति में सुधार लाने और उनहें प्रगति की यात्रा में शामिल करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। मुर्मू ने कहा, ‘मैं अपने आदिवासी भाई बहनों से अपील करती हूं कि आप सब अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि आर्थिक विकास के साथ साथ मानव विकास संबंधी सरोकारों को भी उच्च प्राथमिकता दी जा रही है।’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में विकास के लक्ष्यों और मानव सहयोग को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अग्रणी स्थान बनाया है तथा उसका प्रभावी नेतृत्व में जी-20 समूह के देश पूरी मानवता के लिए महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर उपयोगी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि स्वाधीनता दिवस देश के लिए अपने इतिहास से पुन: जुड़ने तथा वर्तमान का आकलन करने और भविष्य की राह बनाने के बारे में चिंतन करने का अवसर होता है। मुर्मू ने कहा भारत पूरी दुनिया में विकास लक्ष्यों और मानव सहयोग को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अग्रणी स्थान बनाया है और जी20 देशों की अध्यक्षता का दायित्व भी संभाला है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘व्यापार और वित्त के अलावा मानव विकास से जुड़े विषय भी कार्य सूची में शामिल किए गए हैं। ऐसे कई मुद्दे हैं जो पूरी मानवता के लिए महत्त्वपूर्ण हैं और किसी भौगोलिक सीमा से बंधे हुए नहीं हैं।’ मुर्मू ने कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि भारत के प्रभावी नेतृत्व के साथ जी20 के सदस्य देश उन मोर्चो पर उपयोगी कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे।’