facebookmetapixel
Editorial: वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम मोड़भारत की एफडीआई कहानी: विदेशी निवेशकों को लुभा सकते है हालिया फैक्टर और मार्केट सुधारभारत की हवा को साफ करना संभव है, लेकिन इसके लिए समन्वित कार्रवाई जरूरीLuxury Cars से Luxury Homes तक, Mercedes और BMW की भारत में नई तैयारीFiscal Deficit: राजकोषीय घाटा नवंबर में बजट अनुमान का 62.3% तक पहुंचाAbakkus MF की दमदार एंट्री: पहली फ्लेक्सी कैप स्कीम के NFO से जुटाए ₹2,468 करोड़; जानें कहां लगेगा पैसाYear Ender: युद्ध की आहट, ट्रंप टैरिफ, पड़ोसियों से तनाव और चीन-रूस संग संतुलन; भारत की कूटनीति की 2025 में हुई कठिन परीक्षाYear Ender 2025: टैरिफ, पूंजी निकासी और व्यापार घाटे के दबाव में 5% टूटा रुपया, एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा बनाStock Market 2025: बाजार ने बढ़त के साथ 2025 को किया अलविदा, निफ्टी 10.5% उछला; सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड बनायानिर्यातकों के लिए सरकार की बड़ी पहल: बाजार पहुंच बढ़ाने को ₹4,531 करोड़ की नई योजना शुरू

बेतुके उत्साह से आई उद्योग में निराशा

Last Updated- March 03, 2023 | 11:53 AM IST
campus layoff

वैश्विक महामारी के समय अभूतपूर्व स्थिति के कारण बेतुके उत्साह ने वित्त वर्ष 23 में भारतीय आईटी सेवा उद्योग के लिए निराशा पैदा की है, जबकि ग्राहकों की ओर से फैसला करने में देरी से अनिश्चितता बढ़ रही थी। नैसकॉम के चेयरमैन कृष्णन रामानुजम ने यह जानकारी दी।

भारतीय तकनीकी उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था नैसकॉम ने अपनी रिपोर्ट – रणनीतिक समीक्षा 2023 में कहा है कि भारतीय तकनीकी उद्योग इस वित्त वर्ष के दौरान शुद्ध राजस्व में 19 अरब डॉलर की अनुमानित वृद्धि दर्ज कर सकता है, जबकि वित्त वर्ष 22 में यह 30 अरब डॉलर थी।

रामानुजम ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वित्त वर्ष 23 में बहुत अधिक तर्कहीन उत्साह रहा और कंपनियों ने वास्तव में मान लिया की यह वर्ष जोरदार वर्ष रहने वाला है। यूक्रेन युद्ध हुआ और यह साल उतना शानदार नहीं रहा जैसा कि हम सभी को साल शुरू होने पर रहने की उम्मीद थी।

उन्होंने कहा ‘मुझे नहीं लगता कि यह स्थिति उस उत्साहपूर्ण स्तर पर वापस जाने वाली है, जिसे हमने 12 महीने पहले देखा था। लेकिन मांग अब भी बेहतर है, अगर हम इसकी तुलना कोविड से पहले वाले स्तरों से करें। फिलहाल कुछ नरमी वाला परिदृश्य है। लेकिन मुझे लगता है कि जब मांग वापस आएगी, तो यह उचित प्रकृति की होगी।’

फैसला लेने में देरी, आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के साथ-साथ कुछ बाजारों में मांग में कमी इस क्षेत्र में प्रमुख बाधाएं बनने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी ओर कार्यकुशलता से संबंधित परियोजनाओं पर जोर दिया जा रहा था, जो भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अच्छी खबर है।

रामानुजम ने कहा कि हम नैसकॉम की कई सदस्य कंपनियों से सुन रहे हैं कि काफी सावधानी (ग्राहकों की ओर से) बरती जा रही है। अधिकांश कारोबार अभी कोविड से संबंधित असर से उबर रहे हैं, चाहे आप खुदरा, होटल, विमान कंपनी की मिसाल लें या बैंकों की भी।

First Published - March 3, 2023 | 11:47 AM IST

संबंधित पोस्ट