वैश्विक महामारी के समय अभूतपूर्व स्थिति के कारण बेतुके उत्साह ने वित्त वर्ष 23 में भारतीय आईटी सेवा उद्योग के लिए निराशा पैदा की है, जबकि ग्राहकों की ओर से फैसला करने में देरी से अनिश्चितता बढ़ रही थी। नैसकॉम के चेयरमैन कृष्णन रामानुजम ने यह जानकारी दी।
भारतीय तकनीकी उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था नैसकॉम ने अपनी रिपोर्ट – रणनीतिक समीक्षा 2023 में कहा है कि भारतीय तकनीकी उद्योग इस वित्त वर्ष के दौरान शुद्ध राजस्व में 19 अरब डॉलर की अनुमानित वृद्धि दर्ज कर सकता है, जबकि वित्त वर्ष 22 में यह 30 अरब डॉलर थी।
रामानुजम ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वित्त वर्ष 23 में बहुत अधिक तर्कहीन उत्साह रहा और कंपनियों ने वास्तव में मान लिया की यह वर्ष जोरदार वर्ष रहने वाला है। यूक्रेन युद्ध हुआ और यह साल उतना शानदार नहीं रहा जैसा कि हम सभी को साल शुरू होने पर रहने की उम्मीद थी।
उन्होंने कहा ‘मुझे नहीं लगता कि यह स्थिति उस उत्साहपूर्ण स्तर पर वापस जाने वाली है, जिसे हमने 12 महीने पहले देखा था। लेकिन मांग अब भी बेहतर है, अगर हम इसकी तुलना कोविड से पहले वाले स्तरों से करें। फिलहाल कुछ नरमी वाला परिदृश्य है। लेकिन मुझे लगता है कि जब मांग वापस आएगी, तो यह उचित प्रकृति की होगी।’
फैसला लेने में देरी, आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के साथ-साथ कुछ बाजारों में मांग में कमी इस क्षेत्र में प्रमुख बाधाएं बनने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी ओर कार्यकुशलता से संबंधित परियोजनाओं पर जोर दिया जा रहा था, जो भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अच्छी खबर है।
रामानुजम ने कहा कि हम नैसकॉम की कई सदस्य कंपनियों से सुन रहे हैं कि काफी सावधानी (ग्राहकों की ओर से) बरती जा रही है। अधिकांश कारोबार अभी कोविड से संबंधित असर से उबर रहे हैं, चाहे आप खुदरा, होटल, विमान कंपनी की मिसाल लें या बैंकों की भी।